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यूपी एसटीएफ के प्रोडेक्शन वारंट को मिली मंजूरी, 48 घंटे में अनवर ढेबर की मेरठ कोर्ट में होगी पेशी
रायपुर। छत्तीसगढ़ के होटल कारोबारी अनवर ढेबर मुश्किलें बढ़ गई हैं। उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम नोएडा में दर्ज नकली होलोग्राम केस में अनवर ढेबर को कस्टडी में लेकर मेरठ जाएगी। रायपुर कोर्ट ने यूपी एसटीएफ का प्रोडेक्शन वारंट स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने यूपी एसटीएफ को अगले 48 घंटों में यूपी के संबंधित कोर्ट में पेश करने के निर्देश निर्देश दिए हैं।
इससे पहले बहुचर्चित शराब घोटाला केस में जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद होटल कारोबारी अनवर ढेबर को एक अन्य केस में उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम ने मंगलवार रात को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को यूपी एसटीएफ ने अनवर ढेबर को रायपुर कोर्ट में पेश किया। इस दौरान पूरा कोर्ट परिसर पुलिस से छावनी में तब्दील हो गया। अनवर ढेबर के समर्थन में बड़ी संख्या में समर्थक परिसर में पहुंचे। अनवर ढेबर ने कहा, मेरी तबियत ठीक नहीं है। मुझे टॉर्चर किया जा रहा है।
इससे पहले छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला केस में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद होटल कारोबारी अनवर ढेबर की मंगलवार रात आठ बजे जैसे ही हाई कोर्ट के आदेश पर जमानत पर रिहाई हुई, उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम नोएडा में दर्ज नकली होलोग्राम केस में प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार करने जेल पहुंच गई। जेल से बाहर निकलते ही अनवर ढेबर को एसटीएफ ने गिरफ्तार करने की कोशिश की तो ढेबर समर्थक, रिश्तेदार और स्वजन ने गिरफ्तारी का विरोध कर करीब आधे घंटे तक जमकर हंगामा किया।
इस बीच पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की भी हुई। हंगामे की सूचना मौके पर रायपुर पुलिस के आला अधिकारी भी पहुंचे। काफी हो हंगामे के बीच आखिरकार अनवर को एंबुलेंस से सिविल लाइन पुलिस थाने ले जाया गया। स्थिति को देखते हुए देर रात थाना परिसर को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। देर रात यूपी एसटीएफ की टीम अनवर को लेकर उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो गई।
स्वास्थ्य का हवाला देकर मांगी थी जमानत
पिछले दिनों अनवर ढेबर के खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर हाई कोर्ट में लगाई गई जमानत याचिका को मंजूर कर रिहाई का आदेश दिया था। मंगलवार को अनवर ढेबर की जेल से रिहाई थी। इसी बीच उत्तर प्रदेश की एसटीएफ टीम अनवर ढेबर को गिरफ्तार करने जेल पहुंच गई, लेकिन ढेबर के समर्थक तबियत खराब होने का हवाला देकर इलाज के लिए उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जिद पर अड़ गए। अनवर ढेबर को एंबुलेंस में बैठाकर अस्पताल ले जाने की कोशिश भी करने लगे तो एसटीएफ के जवानों ने एंबुलेंस के सामने खड़े होकर रोका फिर खुद एंबुलेंस में सवार हो गए। इसके बाद रायपुर पुलिस के अधिकारी एंबुलेंस समेत अनवर ढेबर को सिविल लाइन पुलिस थाने लेकर गए।
ईडी और यूपी पुलिस जेल में हुई आमने-सामने
ईडी द्वारा दर्ज नई ईसीआइआर पर कस्टोडियल रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में लगाए प्रोडेक्शन वारंट पर दोनों पक्षों की मंगलवार को बहस हुई। बहस के बाद ईडी की विशेष कोर्ट ने देर शाम विधि अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ईडी ने अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, अरविंद सिंह समेत त्रिलोक सिंह ढिल्लन को कस्टोडियल रिमांड पर लेने के लिए प्रोडेक्शन वारंट जारी करने आवेदन लगाया था। आरोपितों को गिरफ्तार करने ईडी के साथ यूपी एसटीएफ जेल परिसर में आमने-सामने हो गई।
हाई कोर्ट से मिली राहत
शराब घोटाला केस के आरोपित अनवर ढेबर को हाई कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड के साथ ही केस के अन्य आरोपितों को मिली राहत के आधार पर जमानत दी है। इससे पहले इस केस में सुप्रीम कोर्ट से अन्य आरोपितों को पहले से ही राहत मिल चुकी है। ढेबर के वकील सौरभ दांगी ने हाईकोर्ट में मेडिकल ग्राउंड पर इलाज के लिए जमानत देने का आग्रह किया।
साथ ही कहा कि अनवर को किडनी की बीमारी है और उन्हें यूरिन करने में दिक्कत हो रही है। सुनवाई के दौरान यह भी तर्क दिया गया कि ढेबर का इलाज चल रहा है, जिसके लिए अस्पताल जाने की जरूरत पड़ती है। जेल में गार्ड उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिसके चलते इलाज नहीं हो पा रहा है।
यह है मामला
2,000 करोड़ से अधिक के शराब घोटाला मामले में नकली होलोग्राम बनाने को लेकर जेल में बंद अनवर ढेबर और पूर्व आबकारी अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी की 19 जून को मेरठ में पेशी होनी है, जिसके लिए यूपी एसटीएफ की टीम ने रायपुर कोर्ट में आवेदन देकर दोनों आरोपितों के प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी। कोर्ट ने सोमवार को तीन में से दो आरोपित अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को यूपी ले जाने की अनुमति दे दी थी।
इसी सिलसिले में सोमवार की दोपहर जब दोनों आरोपितों को यूपी ले जाने के लिए एसटीएफ रायपुर जेल पहुंचा तो जेल प्रशासन ने तबियत ख़राब होने का हवाला देते हुए यूपी ले जाने से रोक दिया था। इसके बाद मंगलवार को यूपी एसटीएफ दोबरा सेंट्रल जेल पहुंचकर अनवर और अरुण पति त्रिपाठी की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू ही की थी कि हंगामा हो गया।