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नक्सलियों के सरेंडर के लिए नई नीति की तैयारी पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने सरकार को घेर पूछे ये सवाल…

8 months ago
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छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद का खात्मा करने के लिए सरकार आक्रामक हो गई है. नक्सलियों के खिलाफ जहां ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है, वहीं अब नई सरेंडर पॉलिसी  लाने की तैयारी चल रही है. इसके पहले सरकार ने खुद नक्सलियों से सुझाव मांगा है कि वे कैसी समर्पण नीति चाहते हैं. इसके बाद अब सियासत गरमा गई है. इस मसले पर अब विपक्ष सरकार को घेर रहा है. PCC चीफ दीपक बैज ने इस मामले पर BJP सरकार पर कई सवाल खड़े किए हैं.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि नक्सलवाद को लेकर सरकार दिग्भ्रमित है. सरकार को यह समझ ही नहीं आ रहा है उसे करना क्या है? अभी तक सरकार ने 5 महीनें में कोई नक्सल नीति नहीं बनाई है. पूर्ववर्ती सरकार की नीति जो पूरी तरह से सफल थी विश्वास, विकास, सुरक्षा की नीति को भाजपा सरकार ने खारिज कर दिया है. पुरानी नीति खारिज करने के बाद अभी तक वर्तमान सरकार ने नक्सलवाद को लेकर अपनी कोई नीति घोषित नहीं की है. दीपक बैज ने कहा कि सरकार पुनर्वास नीति लेकर आए इससे पहले नक्सल नीति तो घोषित किया जाए. जब नक्सल नीति घोषित करेंगे तब पुनर्वास नीति बनेगी, यह उसका अंश है. अभी नक्सल नीति नहीं बनाई है और दावा कर रहे पुनर्वास नीति लेकर आएंगे. ये अनिर्णय वाली स्थिति से इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं हो सकता है.

इन सवालों के भी मांगे जवाब 

कांग्रेस ने कई सवालों के जवाब भी मांगे हैं और पूछा है कि-
सरकार बताए कि पुनर्वास नीति के लिए सुझाव मांगने से पहले सरकार की नक्सलियों से कोई वार्तालाप हुई है क्या?
सुझाव मांगने के पहले परस्पर विश्वास का वातावरण बनाया जाना चाहिए, क्या सरकार ने ऐसी कोई पहल की है क्या ? यदि की है तो नक्सलियों की तरफ से क्या कोई सकारात्मक जवाब आया?
दोनों पक्षों में नीति बनने तक युद्ध विराम (शांति की पहल) पर कोई सहमति बनी है क्या? यदि बनी है तो सरकार उसको सार्वजनिक करें.
सरकार के द्वारा मांगे गये सुझाव के दौरान यदि उधर से कोई वारदात हो गई तो सरकार का उस बारे में क्या योजना है?
सरकार की यह पहल एकतरफा है या दूसरा पक्ष भी इससे सहमत है, सरकार को इसको भी स्पष्ट करना चाहिए.

राज्य में शांति की स्थापना होनी चाहिए

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का स्पष्ट मानना है कि राज्य में शांति की स्थापना होनी चाहिए. हिंसा पर विराम लगना ही चाहिए. नक्सलवाद एक संवेदनशील मसला है. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने पांच सालों में विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को लेकर शांति स्थापना में महत्वपूर्ण सफलता हासिल किया था. राज्य में नक्सलवादी घटनाओं में 80 प्रतिशत तक कमी आई. प्रभावित क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसे विषयों को प्राथमिकता के आधार पर हल किया गया, जिससे वहां के स्थानीय लोगों ने सरकार का साथ दिया और शांति की स्थापना में मदद मिली.

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