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कोई नदी तो कोई पहाड़ों को पार करके पहुंचा पोलिंग बूथ, छत्तीसगढ़ में नक्सली खतरे के बीच जमकर वोटिंग
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बलरामपुर जिले के दूरदराज के इलाकों में मंगलवार को मतदाता मतदान करने के लिए पहाड़ी रास्तों और नदी को पार करते हुए मतदान केंद्रों तक पहुंचे। बलरामपुर जिला सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में आता है। सरगुजा उन सात सीटों में से एक है, जहां आम चुनाव के तीसरे और आखिरी चरण में मतदान हुआ।
निर्वाचन आयोग के अनुसार सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में 75.26 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह पहाड़ी कोरवा से संबंधित मतदाताओं, जिनमें राजेश, मदन, सुक्खू, गोपाल और नंदलाल शामिल हैं, ने सामरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत अमेरा में मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए नदी पार की। उन्होंने बताया कि इसी तरह, रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र के बछवार गांव के लखन नगेसिया, साहू, फुलसाय और कलेश सहित मतदाताओं ने कठिन पहाड़ी इलाकों को पार कर आठ किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर मतदान केंद्र पहुंचे और वोट डाला।
लोकसभा निर्वाचन 2024 के तृतीय चरण में मतदान करने जिला @BalrampurDist के ग्राम पंचायत खड़ियादामर से 08 कि.मी. पहाड़ी रास्ते से चलकर बुधुडीह मतदान केंद्र अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुँचे आदिवासी मतदाता।#ChhattisgarhLoksabha2024 @ECISVEEP @SpokespersonECI pic.twitter.com/PRm7CXBwom
— Chief Electoral Officer, Chhattisgarh (@CEOChhattisgarh) May 7, 2024
घोड़े पर सवार होकर पहुंचे पोलिंग बूथ
मतदाताओं ने कहा कि वोट डालना हर नागरिक का अधिकार है, इसलिए वोट करना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि रामानुजगंज विधानसभा सीट के अंतर्गत सागरपुर गांव में एक मतदाता परिमल डे घोड़े पर सवार होकर मतदान केंद्र पहुंचे। डे एक पशुपालक हैं, जिनके पास 150 बकरियां हैं। वह अपने घोड़े पर सवार होकर अपने मवेशियों को चराते हैं। अधिकारियों ने बताया कि जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में स्थित दो अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों चुंचुना और पुंदाग में भी मतदाताओं ने बड़ी संख्या में मतदान किया। ये मतदान केंद्र झारखंड की सीमा से लगते हैं। दोनों मतदान केंद्र सामरी विधानसभा क्षेत्र में स्थित हैं।
नक्सली खतरे के बीच वोटिंग का उत्साह
उन्होंने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। चुनचुना और पुदांग के मतदाताओं ने नक्सली खतरे का सामना करते हुए लोकतंत्र के त्योहार में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। अधिकारियों ने बताया कि चुनचुना मतदान केंद्र पर 767 मतदाता हैं और यहां 84.35 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि पुंदाग में 595 मतदाता हैं और यहां शाम पांच बजे तक 72.44 प्रतिशत मतदान हुआ।