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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का रेल रोको आंदोलन : जगह-जगह ट्रैक पर बैठे कार्यकर्ता; ट्रेनों के कैंसिलेशन और लेट-लतीफी से नाराजगी

1 year ago
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Chhattisgarh Congress Rail Roko Aandolan Update | Bhupesh Baghel | जगह-जगह  ट्रैक पर बैठे कार्यकर्ता; ट्रेनों के कैंसिलेशन और लेट-लतीफी से नाराजगी -  Dainik Bhaskar

बिलासपुर, 13 सितंबर 2023/ छत्तीसगढ़ में ट्रेनों को कैंसिल करने व लेट-लतीफी को लेकर बुधवार को कांग्रेस का प्रदेश भर में रेल रोको आंदोलन शुरू हो गया है। बिलासपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह ही करगी रोड कोटा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए। वहां उन्होंने मालगाड़ी को रोक लिया। कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान करीब 2 घंटे तक रेलवे ट्रैक बाधित रहा।

जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने अप और डाउन दोनों लाइन पर मालगाड़ियां रोकी। केंद्र सरकार और रेलवे के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। कहा कि, ये रेलवे को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध है। हालांकि कांग्रेसियों के आंदोलन को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम की बात कही थी।

रेलवे ने दी थी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

रेल रोको आंदोलन के दौरान प्रदेश के सभी जिला, ब्लॉक मुख्यालयों में एकत्रित होकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को रोकने की रणनीति बनाई है। इस आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने चेतावनी दी है कि अगर ट्रेन यातायात बाधित हुआ तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए आरपीएफ के साथ ही पुलिस की ड्यूटी भी लगाई गई है।

कांग्रेस नेताओं ने रेलवे पर आंदोलन को दबाने लगाए आरोप
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय और विजय केशरवानी ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन संवाद की एक सहज और सरल प्रक्रिया है। लगता है कि केंद्र की भाजपा सरकार को लोकतंत्र की परंपराओं पर विश्वास नहीं है। यही कारण है कि रेल प्रशासन ने बिलासपुर समेत छत्तीसगढ़ की जनता को आंदोलन करने पर रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।

कहा कि, रेलवे प्रशासन को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि बिलासपुर जोन की स्थापना के पीछे छत्तीसगढ़ की जनता ने क्या कुछ नहीं किया है। रेल प्रशासन को जानकारी होनी चाहिए कि 1996 की आग अभी भी छत्तीसगढ़ की जनता के जेहन में कायम है। रेल प्रशासन यह सोचता है कि धमकी देकर आंदोलन को दबा देंगे तो यह उनकी बहुत बड़ी भूल होगी।

छत्तीसगढ़ और खासकर बिलासपुर की जनता धमकियों से डरने वाली नहीं है। यदि रेलवे प्रशासन ने सोच ही लिया है कि आंदोलन को तानाशाहीपूर्वक दबाया जाएगा तो प्रदेश कांग्रेस ने भी छत्तीसगढ़ की जनता के साथ संकल्प लिया है कि अब रेल प्रशासन की धमकी का माकूल जवाब भी दिया जाएगा।

रेल सुविधाओं पर कटौती करने कांग्रेस ने लगाए आरोप

देश भर के 6,800 रेल स्टोपेज बंद किए गए, जिसमें से 200 अकेले छत्तीसगढ़ में हैं।

साधारण पैसेंजर मेमू ट्रेन को स्पेशल ट्रेन बनाकर दोगुना किराया वसूला जा रहा है।

स्लीपर और सामान्य श्रेणी के डिब्बों की संख्या घटाई गई।

पिछले साढ़े तीन साल में 67,382 ट्रेनों को रद किया गया।

आंदोलन से पहले चलाया पोस्टर अभियान

आंदोलन को प्रभावी बनाने के लिए पीसीसी के निर्देश पर प्रदेश भर में पोस्टर अभियान चलाया गया था। गांव में पोस्टर चस्पा करने के साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी जमकर माहौल बनाया गया है। पोस्टर में कहा गया कि वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षड़यंत्र रचा जा रहा है।

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