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मणिपुर मामले में छत्तीसगढ़ का जिक्र, CM भूपेश बोले – ध्यान भटकाने की कोशिश, BJP को गर्वनर अनुसुईया उइके से सीखना चाहिए
रायपुर, 29 जुलाई 2023/ संसद में मणिपुर मामले में छत्तीसगढ़ का नाम जुड़ने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. मीडिया से चर्चा के दौरान सीएम ने कहा कि यह लोगों का ध्यान भटकाने का एक तरीका है. छत्तीसगढ़ में जो घटना हुई उसकी तुलना मणिपुर से नहीं की जा सकती. जानबूझकर चुनाव वाले राज्यों का नाम बताने का मकसद है ताकि एक तीर से दो शिकार किए जा सकें लेकिन वे असफल रहे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान का भी जिक्र किया था और मणिपुर उनके लिए तीसरे नंबर पर है क्योंकि वहां उनकी डबल इंजन की सरकार है. 90 दिन हो गए हैं और वह इसमें कुछ नहीं कर पा रहे हैं.
दूसरी बात यह है कि मानवाधिकार टीम भी मणिपुर नहीं जा रही है. अगर वे मणिपुर और छत्तीसगढ़ घूमने आ रहे हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन मानवाधिकार के लोगों को भी मणिपुर जाना चाहिए और दूसरी बात यह है कि केंद्र सरकार उन्हें ढूंढने की कोशिश कर रही है. वीडियो किसने वायरल किया तो ये लोग गलत दिशा में प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा भारत भारत गठबंधन टीम के 20 सांसद आज मणिपुर के लिए रवाना हो गए हैं और लोकसभा राज्यसभा अभी भी बाधित है और प्रधानमंत्री को हठधर्मिता नहीं छोड़नी चाहिए और दोनों सदनों में आकर बयान देना चाहिए. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार में हो रही घटनाओं पर ध्यान देने की सलाह दी थी.
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से सीखना चाहिए जिन्होंने ऑन रिकॉर्ड यह बयान दिया है कि 50,000 से अधिक लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है, सैकड़ों घर जला दिए गए हैं, 100 से अधिक लोग मारे गए हैं, महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है और उन्हें नग्न घुमाया जा रहा है और उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में ऐसा नजारा कभी नहीं देखा.
उन्होंने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी सौंप दी है. इसके बावजूद केंद्र सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया, बल्कि वहां घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. इस वजह से लोग अब अपना घर छोड़कर रात में सड़कों पर सो रहे हैं और आए दिन फायरिंग हो रही है, पूरा परिवार सुरक्षा के लिए रात-रात भर जाग रहा है. वहां हालात बेहद तनावपूर्ण और केंद्र सरकार के नियंत्रण से बाहर हैं.