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दिल्ली में पॉलिसी आने तक बाइक टैक्सी बंद रहेंगी : सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाई, दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला
नई दिल्ली, 12 जून 2023/ सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अभी दिल्ली में ओला, उबर और रैपिडो की बाइक टैक्सी नहीं चलाई जा सकेंगी। दिल्ली सरकार की टैक्सी ऑपरेशन पॉलिसी बनने तक का इंतजार करना होगा। दिल्ली सरकार ने कहा है कि 30 जून तक दोपहिया टैक्सी के ऑपरेशन की पॉलिसी बना लेंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
दिल्ली सरकार ने कहा था कि जब तक दोपहिया टैक्सी के ऑपरेशन को लेकर पॉलिसी फाइनल नहीं हो जाती, तब तक बाइक टैक्सी सर्विस न चलाई जाएं। इस पर रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के इस नोटिस पर स्टे लगा दिया था। साथ ही पॉलिसी फाइनल होने तक एग्रीगेटर्स को सेवाएं जारी रखने का फैसला दिया था। बाइक टैक्सी पर कोई भी एक्शन लेने पर भी रोक लगा दी थी।
दिल्ली सरकार ने 26 मई को हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की वेकेशन बेंच ने सुनवाई करते हुए सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
दिल्ली सरकार बोली– लाइसेंस और परमिट के बिना चल रहीं बाइक टैक्सी
बाइक टैक्सी को लेकर दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि एग्रीगेटर्स की तरफ से दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल बिना प्रॉपर लाइसेंस और परमिट के हो रहा है। एग्रीगेटर के लिए कॉमर्शियल लाइसेंस की जरूरत का प्रावधान मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 93 में है।
दिल्ली सरकार की दलील थी कि ये गाइडलाइंस चार पहिया और दो पहिया, दोनों तरह के वाहनों के लिए है। ऐसे में बिना पॉलिसी लाए नॉन ट्रांसपोर्ट टू-व्हीलर्स का यूज एग्रीगेटर्स नहीं कर सकते।
बाइक टैक्सी कंपनियां बोलीं– हजारों राइडर्स पर फर्क पड़ेगा
रैपिडो और उबर का कहना था कि हजारों राइडर्स ऐसी बाइक टैक्सी चलाते हैं। दिल्ली सरकार के फैसले से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। जिन प्राइवेट दोपहिया वाहनों को कमर्शियल/ट्रांसपोर्ट सर्विस के लिए जोड़ा गया है, उन्हें नीति बनने और लाइसेंस मिलने तक काम करने दिया जाए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि एग्रीगेटर्स के तहत टू व्हीलर्स को ऑपरेट करने के लिए लाइसेंस जरूरी है।