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CM भूपेश बघेल ने किए जैतूसाव मठ और हनुमान मंदिर के किए दर्शन, कटोरा तालाब में पूर्व विधायक सतपथी की प्रतिमा का किया अनावरण

2 years ago
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CM ने भगवान राम, जानकी और लक्ष्मण की पूजा अर्चना की। इस दौरान कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे भी मौजूद रहे।

रायपुर , 26 अप्रैल 2023/  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेशव्यापी भेंट मुलाकात कार्यक्रम के अंतर्गत रायपुर दक्षिण विधानसभा का दौरा कर रहे हैं। यहां सीएम ने सबसे पहले कटोरा तालाब के पास सतपथी चौक में पूर्व विधायक प.लक्ष्मण जयदेव सतपथी की प्रतिमा का अनावरण किया। इस प्रतिमा का निर्माण भिलाई के ख्याति प्राप्त कलाकार पद्मश्री नेल्सन ने किया है।

यहां महिलाओं ने आरती कर सीएम का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व विधायक सतपथी अपनी बात बिना झिझक के सामने रखते थे। उनके व्यक्तित्व के अनुरूप ही मूर्ति की स्थापना हुई है। सीएम बघेल ने यहां अर्पण स्कूल के मूक बधिर बच्चों को बैग का वितरण भी किया।

इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्राचीन जैतूसाव मठ के दर्शन किये और शहर के 10 महत्वपूर्ण स्थलों का विकास करते हुए बनाए गए हैरीटेज वाक का लोकार्पण किया।

इससे शहर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक विरासतों के दर्शन अब आम नागरिकों के लिए काफी आसान होंगे और उनके लिए यह अनुभव सुंदर और यादगार हो जाएगा। आम जनता यहां आजादी के दौर के गवाह रहे ऐतिहासिक टाउन हाल से शुरू करते हुए प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत दिखाने वाली महाकौशल कलावीथिका की झलक लेते हुए नागरिक शहर की सबसे पुरानी बस्ती में प्रवेश करेंगे और यहां ऐतिहासिक धार्मिक धरोहरों को देखेंगे।

नागरीदास मंदिर, जैतूसाव मठ से गुजरते हुए पूरा रूट देखेंगे। इसे एक करोड़ 90 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री सबसे पहले जैतूसाव मठ पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान राम, जानकी और लक्ष्मण की पूजा अर्चना की। साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया। इसके बाद हनुमान बावली पहुंचे जहां उन्होंने हनुमान जी की पूजा की।

रायपुर शहर के बीचों-बीच घनी आबादी से घिरा साढ़े छह सौ साल पुराना कंकाली तालाब अब अपने अलग ही सौंदर्य से शहरवासियों को आकर्षित करेगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राज्य के एतिहासिक धरोहरों के संरक्षण-संवर्धन की नीति पर अमल करते हुए नगर निगम रायपुर में इस तालाब का जीर्णोधार और सौंदर्यीकरण का काम कराया है।

बघेल ने आज भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान एक करोड़ 34 लाख रूपये की लागत से हुए तालाब सौंदर्यीकरण कार्यों का लोकार्पण किया। कंकाली तालाब में साढ़े तीन सौ वर्ग मीटर धौलपुर लाल पत्थर से सौंदर्यीकरण किया गया है। फसाड लाईट और फ्लड लाईट में इन पत्थरों का सौंदर्य तालाब को नई पहचान दे रहा है। तालाब में 28 बड़े खंभो पर बिजली की जगमगाहट भी की गई है।

घाट और पचरी मरम्मत कर रंगाई-पुताई का काम भी किया गया है। तालाब के चारो ओर लगभग साढ़े चार सौ मीटर स्टेनलेस स्टील की रेलिंग भी लगाई गई है।

माँ कंकाली मंदिर लगभग 650 वर्ष पुराना है। प्राचीन समय में जब तालाब की खुदाई की गई, उस समय नर कंकाल मिलने के कारण इसका नाम कंकाली मंदिर पड़ा। इस मंदिर की स्थापना मां कंकाली के आदेशानुसार महंत कृपाल गिरी ने की थी। यह मंदिर सन्यासियों के साधना का केन्द्र रहा है इस तालाब की मान्यता है कि यहां स्नान करने से चर्म रोग, खाज, खुजली सभी ठीक हो जाते है। मंदिर से कुछ ही दूरी पर कंकाली मठ स्थित है, जो साल में एक दिन दशहरा पर खुलता है, वहीं पर नागा सन्यासी मां कंकाली की उपासना करते थे।

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