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‘छत्तीसगढ़ में आरक्षण बिल पर इंतजार क्यों’ : मुख्यमंत्री बोले- मार्च में कौन सा मुहूर्त, भाजपा के इशारे पर रुका बिल; राज्यपाल बोलीं थीं- इंतजार करिए

2 years ago
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छत्तीसगढ़ में आरक्षण का सियासी रण सीएम बघेल का राज्यपाल पर निशाना महारैली का ऐलान

रायपुर, 23 जनवरी 2023/ छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुईया उइके के बयान पर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सख्त अंदाज दिखाया है। राज्यपाल ने कह दिया था कि आरक्षण विधेयक के हस्ताक्षर के लिए मार्च तक इंतजार करें। इसके बाद जो जवाब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया उसमें उनकी नाराजगी दिख रही है। ये बयान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के हेलीपैड पर दिया, भेंट मुलाकात कार्यक्रम में रवाना होने से ठीक पहले

मार्च तक इंतजार की बात को सुनकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सवालिया लहजे में कहा- मार्च तक क्यों इंतजार करना चाहिए, मुहूर्त देख रही हैं?  यहां सब परिक्षाएं हैं, बच्चों को एडमिशन लेना हैं, व्यापम में परीक्षा होनी है, पुलिस में भर्ती होनी है, शिक्षकों की भर्ती होनी है, हेल्थ डिपार्टमेंट में भी भर्ती होनी है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि – सभी भर्तियां होनी हैं और ये रोके बैठे हैं। ये संविधान में प्राप्त अधिकारों का दुरुपयोग है। मार्च में ऐसा कौन सा मुहूर्त निकलने वाला है। दिसंबर में पास हुआ है आरक्षण विधेयक और अब तक रोके बैठे हैं। इस मामले में भाजपा चुप है, भाजपा के इशारे पर ही इसे रोका जा रहा है। ये प्रदेश के युवाओं के साथ अन्याय है।

आदिवासियों के मसले पर बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- भाजपा ने आदिवासी के हित में कोई फैसला नहीं किया। ऊपर से जमीन छीनने में भी कोई कसर नहीं छोड़े, और कानून बना रहे थे जमीन हासिल करने के लिए, लेकिन हमने उसे पलटा। आदिवासियों की जमीन बड़े कार्पोरेट को देने की तैयारी थी। किसी आदिवासी को भाजपा ने अपने वक्त में पट्‌टा नहीं दिया। अब मुद्दा बचा नहीं है। नक्सली हमारी नीति के कारण पीछे चले गए। अब वहां हिंसा फैलाने के लिए तरह तरह के षडयंत्र कर रहे हैं भाजपा के लोग ।

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