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मिलेट पर CM का PM को पत्र, कोदो-कुटकी-रागी को PDS में शामिल करने की मांग, कहा- मध्यान्ह भोजन, पोषण आहार में भी इस्तेमाल हो
रायपुर, 08 जनवरी 2023/ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मिलेट फसलों के उत्पादन एवं उपभोग को बढ़ावा देने की पहल करने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में ’राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ अन्तर्गत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग के पोषण आहार तथा आश्रम-छात्रावासों के छात्रों को दिये जा रहे रियायती अनाज में 20 से 25% मात्रा मिलेट की शामिल करने का भी सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को मिलेट फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण करने के संबंध में निर्णय लेने का आग्रह किया है। इसके अलावा राज्य सरकारों को रियायती दर पर अनाज वितरण तथा पोषण आहार से संबंधित योजनाओं में उपयोग हेतु रियायती दर पर मिलेट देने का निर्णय लेने का भी सुझाव दिया है। मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा, संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत सरकार की पहल पर वर्ष 2023 को ’अन्तरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष’ घोषित किया है। एनीमिया एवं कुपोषण के नियन्त्रण में मिलेट की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में विपणन व्यवस्था के अभाव में मिलेट फसलों के उत्पादन में कमी आयी है।
मुख्यमंत्री ने लिखा, उचित होगा कि “राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम’ के तहत वितरित किये जाने वाले अनाजों, मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम, महिला बाल विकास विभाग से दिये जा रहे पोषण आहार तथा आश्रम-छात्रावासों के छात्रों को दिये जा रहे रियायती अनाज में 20 से 25% मात्रा मिलेट फसलों की हो। केन्द्र सरकार अगर राज्य सरकारों को मिलेट फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संग्रहण करने एवं PDS आदि में उपयोग हेतु रियायती दर पर देने का निर्णय लिया जाये तो इससे मिलेट के उत्पादन एवं उपभोग में अभूतपूर्व वृद्धि हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से संबंधित विभागों को उपरोक्तानुसार निर्णय करने के निर्देश प्रसारित करने का आग्रह किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह पत्र भेजा है।
छत्तीसगढ़ में अपनी कोशिशों की जानकारी भी दी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में मिलेट को बढ़ावा देने के उपायों की जानकारी दी है। उन्होंने लिखा, छत्तीसगढ़ राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु ’मिलेट मिशन’ की स्थापना हुई है। राज्य में पैदा होने वाले कोदो, कुटकी एवं रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर इनके संग्रहण एवं विपणन की पुख्ता व्यवस्था की गयी है। राज्य में इन मिलेट उत्पादकों को 9,000 रुपए प्रति एकड़ ’इनपुट सब्सिडी’ भी दी जा रही है। देश के किसी भी राज्य में मिलेट फसलों के उत्पादकों को इतनी अधिक सहायता नहीं दी जा रही। इन कारणों से विगत 02 वर्षाे में राज्य में मिलेट फसलों के रकबे एवं उत्पादन में दो गुना से अधिक वृद्धि हुई है।
विधानसभा में मिलेट का भोज दे चुके हैं मुख्यमंत्री
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मोटे अनाजों का भोज आयोजित हुआ था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आमंत्रण पर मंत्रियों-विधायकों ने बुधवार को मिलेट्स से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया। मिलेट्स लंच के मेन्यु में रागी का सूप, रागी के पकोड़े, कोदो के भजिये, बाजरा और गुड़ के पुये, कुटकी के फरे, रागी, कुटकी के चीले, बाजरे की कढ़ी, लाल भाजी, जिमी कांदा, कोदो का वेज पुलाव, ज्वार, बाजरा, रागी के रोटी और पराठे का सभी ने स्वाद लिया। इसके साथ ही रागी, कुटकी का कप केक, रागी का हलवा और कोदो की ड्राई फ्रूट्स खीर भी परोसी गई।
प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान भी उठी थी बात
पिछले महीने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान भी मिलेट मिशन की बात उठी थी। प्रधानमंत्री ने शहरों में मिलेट कैफे खोलने का सुझाव दिया था। चार जनवरी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री क सलाह पर जल्दी ही मंत्रालय और संभागीय शहराें के सी-मार्ट में मिलेट्स कैफे खोलने की घोषणा की। उन्होंने कहा, इस कैफे में कोदो-कुटकी और रागी से बने व्यंजन उपलब्ध होंगे।