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कुशासन, वादाखिलाफी और भ्रष्टाचार के 15 साल बनाम सेवा, जतन, सुशासन और समृद्धि के 4 साल

2 years ago
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रायपुर, 16 दिसंबर 2022/  कांग्रेस की सरकार अपने कार्यकाल के चार साल पूरा कर रही है। यह चार साल गौरव और स्वाभिमान के है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद राज्य के हर वर्ग के लोगों का जीवन स्तर में परिवर्तन आया। कांग्रेस की सरकार ने हर वर्ग के विकास के लिये प्रभावी योजना बनाकर उनका जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन किया गया। किसानों का कर्जा माफ, युवाओं के लिये सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये, आऊट सोर्सिंग बंद किया गया, आदिवासी क्षेत्र के विकास के लिये विशेष योजनायें बनाई गयी, राज्य की संस्कृति को सवंर्धित करने का काम किया गया।

रमन सिंह ने कहा 4 साल गौरव के नहीं 4 साल गर्त का। दरअसल उन्होंने यह गर्त शब्द भाजपा के लिये उपयोग में लाया है। 2018 में रमन सिंह के नेतृत्व में तीन चौथाई बहुमत से हारने के बाद भाजपा सही में 4 साल में विधानसभा के उपचुनाव, चुनाव दर चुनाव महापौर, जिला पंचायत अध्यक्ष सभी में तो भाजपा गर्त में ही गयी है।

कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र के 36 प्रमुख वायदों में से 90 प्रतिशत से अधिक वायदों को पूरा कर चुकी है। चार साल के कार्यकाल में सरकार ने आधा समय कोरोना महामारी से निपटने में लगाया उसके बावजूद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार की अपने वायदो को पूरा करने की प्रतिबद्धता ही है कि पांच साल के लिये किये गये 36 वायदों में 90 प्रतिशत वायदों को सरकार ने पूरा कर दिखाया और अन्य महत्वपूर्ण वायदों को पूरा करने के लिये कार्यवाहियां शुरू की जा चुकी है। हिन्दी माध्यम के 279 विद्यालयों को अंग्रेजी माध्यम में परिवर्तन और शासकीय खर्च पर अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई छत्तीसगढ़ मॉडल का नया सफल शोध है।
किसानों का कर्जा माफ किया, 2500 रू. में धान की खरीदी की गयी, किसानों का जल कर माफ किया गया, 5 डिसमिल से कम जमीनों की बंद रजिस्ट्री शुरू की गयी, लोहंडीगुड़ा में किसानों की जमीने वापस, राजीव गांधी किसान न्याय योजना में धान, मक्का, गन्ना, कोदो, कुटकी, दहलन, तिलहन, फलदार वृक्ष एवं सब्जी उत्पादक किसानों को प्रतिवर्ष सहायता, भूमिहीन कृषि मजदूरों की आय सुनिश्चित करने न्याय योजना शुरू, तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय बढ़ाया, युवाओं को सरकारी नौकरी के द्वार खोले गये शिक्षकों प्राध्यापकों सहित विभिन्न विभागों में सीधी भर्ती शुरू, आउट सोर्सिंग बंद किया गया, गोधन न्याय योजना से गोवंश संरक्षण, नरवा, गरवा, घुरवा, बारी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सिंचाई के साधन सुदृढ़ करने का काम, बस्तर में बायोटेक किसान हब की स्थापना, डेयरी विकास के मद में 530 डेयरी स्थापित, कृषक जीवन ज्योति में निःशुल्क विद्युत 5 हार्स पावर तक, 7 से बढ़ाकर 65 लघु वनोपज का समर्थन मूल्य में खरीदी, जनजाति विकास के लिये पृथक सचिवालय स्थापित, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की स्थापना, खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सेवा योजना के तहत 20 लाख तक इलाज की सुविधा, गांव, मोहल्लों, शहरी स्लम में घर-घर तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने का वायदा पूरा, आंगनबाड़ी, मध्यान्ह भोजन रसोईयों के वेतन में वृद्धि का वायदा पूरा, औद्योगिक विकास के वायदे को पूरा करने भूमि की दरों में 30 प्रतिशत की कमी सिंगल विंडों की स्थापना की गयी, 400 यूनिट तक बिजली बिल आधा किया गया, शिक्षाकर्मियों का 2 वर्ष पूर्ण होने पर संविलियन किया गया, कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण के लिये हर ब्लाकों में फूड पार्क के लिये जमीन आवंटित, कोण्डागांव, सिंगारभाट में कार्य प्रगति पर। 14580 शिक्षकों की भर्तियां कर सरकारी नौकरी में युवाओं के लिये द्वार खोले।

अपराध- इस प्रदेश का सबसे बड़ा राजनैतिक नरसंहार रमन राज में झीरम में हुआ जिसमें 31 कांग्रेस नेताओं को मार डाला गया। रमन राज की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में अपराधों में 64 प्रतिशत की कमी आई। रमन सिंह बेशर्मीपूर्वक झूठ बोल रहे है कि राज्य में अपराध बढ़ गये। जबकि छत्तीसगढ़ महिला अपराध में 18वें नंबर है जो कि रमन राज में 6वें स्थान पर था। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2018 में छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामलों में पांचवे नंबर पर था, 2021 में भूपेश सरकार की महिला सुरक्षा नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ 11वें स्थान पर आ चुका था।

बलात्कार के प्रयास की घटनाओं में भी एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2018 तक 10वें स्थान पर था, जबकि भूपेश सरकार के बाद 2021 में छत्तीसगढ़ ने अपनी स्थिति में सुधार किया है और ये 16वें स्थान पर है। महिला के विरूद्ध घटित अपराध में छत्तीसगढ़ की स्थिति राष्ट्रीय स्तर पर 18वें स्थान पर है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रति लाख आबादी पर महिला के विरुद्ध घटित अपराध की दर 63.3 है।

किसान-2013 के चुनाव घोषणा पत्र में धान का समर्थन मूल्य 2100 रू. एवं 300 रू. बोनस प्रति क्विंटल देने का वादा जुमला साबित। भाजपा की वादाखिलाफी के कारण कर्ज से लदकर प्रतिदिन औसत तीन किसान आत्महत्या करने मजबूर। 365×3=1095 किसान। 15 साल में 15000 किसानों ने आत्महत्या किया, आज छत्तीसगढ़ में किसान आत्महत्या का दौर समाप्त हो गया। भाजपा खुद दावा कर रही चार साल में 431 किसान आत्महत्या किये अर्थात 108 किसान प्रतिवर्ष दस गुना की कमी आई है।

कांग्रेस सरकार में आते ही 2 घंटे के भीतर 1,78,200 किसानों का 9270 हजार करोड़ का कर्जा माफ। किसानों का सिंचाई कर माफ। 2500 में धान खरीदी की जा रही, राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि को मिलाकर वादे से अधिक 2640 और 2660 रू. प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य। 6.5 लाख किसानों को 10400 करोड़ कृषि पंपों के लिये बिजली बिल पर राहत। 15 लाख किसानों के 325 करोड़ का सिंचाई कर माफ। 2017-18 में अधिक किसान 15.77 लाख, अधिक धान 56.89 लाख मी.टन, पंजीकृत रकबा 20 लाख हेक्टेयर। 2022-23 अधिक किसान 25.93 लाख, अधिक धान 98 लाख मी. टन, पंजीकृत रकबा 31.17 लाख हेक्टेयर।

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