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सरकार को बदनाम करने ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा – कांग्रेस
रायपुर, 15 अक्टूबर 2022/ नेता प्रतिपक्ष के पत्रकारवार्ता का जवाब देते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रही है यह सब मुख्यमंत्री की बढ़ती लोकप्रियता के कारण है। भाजपा के पास कांग्रेस सरकार के खिलाफ जनहित के मुद्दे उठाने को नहीं बचे है तो वह केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम का दुरुपयोग कर रही है। ईडी विधिसम्मत कार्यवाही को पूरा समर्थन है लेकिन राजनैतिक विद्वेषवश कार्यवाही की जायेगी तो उसको लोकतांत्रिक ढंग से बेनकाब किया जायेगा। कोई गलत किया है उस पर कार्यवाही हो लेकिन जबरदस्ती तथ्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत करके सरकार की छवि खराब करने षड़यंत्र किया जायेगा तो उसका मुकाबला किया जायेगा।
नेता प्रतिपक्ष कहते है ईडी की कार्यवाही को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिये लेकिन रमन सिंह तो ईडी के आधार पर ही अपनी राजनीति चमका रहे है। नेता प्रतिपक्ष सहित तमाम भाजपा नेता जिस प्रेस नोट का हवाला दे रहे वह संदिग्ध लग रहा। जिस तथाकथित प्रेस नोट को ईडी का बताकर विभिन्न समाचार माध्यमों में प्रचारित किया गया वह प्रेस नोट सबसे पहले रमन सिंह ने रात को लगभग 9 बजे अपने ट्विटर और फेसबुक में डाला है। ईडी के अधिकृत वेबसाइट पर अभी तक आखिरी प्रेस नोट 13 अक्टूबर की जो किसी अन्य मामले में है। ईडी ने छत्तीसगढ़ के छापे के संबंध में अपने ट्वीट पर 4 फोटो और दो तीन लाईन की पोस्ट किया है अर्थात् ईडी के द्वारा अधिकृत तौर पर कहीं भी उस प्रेस नोट को जारी करने का कोई साक्ष्य सार्वजनिक तौर पर नहीं दिख रहा, फिर यह तथाकथित प्रेस नोट रमन सिंह के पास कहा से आया जिसमें तमाम कहानियां गढ़ी गयी है। रमन सिंह ने ही फर्जी प्रेस नोट बनाकर प्रचारित किया है।
रमन सिंह ने दो दिन पहले पत्रकार वार्ता में जिन बातों को कहा था ईडी के तथाकथित प्रेस नोट में उन्हीं बातों दुहराया गया, इनके बयानों से ऐसा लग रहा इडी ने रमन सिंह और भाजपा के द्वारा लिखी गयी पटकथा काम कर रही? एक अखबार ने फ्रंट पेज पर छापा है कि ईडी ने रात 1 बजे तक प्रेस नोट अधिकृत रूप से नहीं जारी किया था। डॉ रमन सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर ईडी का प्रेस नोट जारी किया । यह बताता है कार्यवाही राजनैतिक षड्यंत्र हैं छापे में क्या मिलने वाला है यह रमन सिंह को छापे के पहले से पता था क्या यह संयोग है या प्रयोग। आज तक कांग्रेस सरकार मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के एक भी रू. के प्रमाणिक आरोप नहीं लगा पाये तो तथाकथित रूप से अधिकारियों की अनियमितता और व्यापारियों के मामलों से सरकार को जोड़ कर बदनाम करने की कोशिश कर रहे है।