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बैंक अकाउंट खोलने में होगी आसानी, नया सिस्टम जिसमें एक ही बार करवानी होगी केवाईसी
रायपुर, 14 अक्टूबर 2022/ पूरे देश में वन केवाईसी सिस्टम लागू करने की तैयारी की जा रही हैं। इससे लोगों को बैंक अकाउंट ओपन करने और मेंटेन कराने बार-बार देने वाले केवाईसी से छुटकारा मिलेगा। इसके लिए आईआईटी भिलाई, आईडीआरबीटी (इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट एंड रिसर्च इन बैंकिंग टेक्नोलॉजी) हैदराबाद, ट्रिपलआईटी हैदराबाद के एक्सपर्ट को प्रोजेक्ट सौप दी गई है।
प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, रिजर्व बैंक इनोवेशन हब आरबीआई बैंगलोर, आईआईटी भिलाई इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी फाउंडेशन ने 23 करोड़ 54 लाख की फंडिंग भी की है। प्रोजेक्ट में आईआईटी भिलाई समेत देश के 11 विशेषज्ञ जुटे हैं। भिलाई के प्रोफेसर डॉ. नितिन खन्ना ने बताया कि तीनों संस्थान केवाईसी फ्रेमवर्क प्रोजेक्ट के तहत प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट बना रहे हैं।
बैंक में केवाईसी के लिए फोटो और डॉक्यूमेंट वेरिफाई करवाए जाते हैं। अलग-अलग बैकिंग संस्थानों में एक या दो साल में फिर से केवाईसी अपडेट होता है। कोविड के बाद वीडियो केवाईसी भी शुरू हुई, लेकिन अब भी जहां अकाउंट ओपन करेंगे, वहां केवाईसी देनी पड़ती है। इसलिए ऐसा सिस्टम बनाया जा रहा है, जिसमें केवल एक बार एक सेंट्रलाइज्ड एजेंसी को केवाईसी देनी होगी। यह एजेंसी के पास सुरक्षित रहेगा और लोगों को एक केवाईसी नंबर मिल जाएगा। जहां भी केवाईसी या अपडेट मांगा जाएगा, इस नंबर से ऑटोमेटिक अपडेट हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट को जल्द ही मंत्रालय को सौंप दिया जाएगा।
प्रोजेक्ट में 11 एक्सपर्ट : इस प्रोजेक्ट में आईआईटी भिलाई के डॉ खन्ना, डॉ संतोष बिश्वास और डॉ अनिल के साव, ट्रिपलआईटी हैदराबाद के डॉ अंकित गंगवाल, डॉ सुदिप्ता बैनर्जी, डॉ किशोर कोथापल्ली, डॉ अनूप एम नमबूदिरी और आईडीआरबीटी बेंगलुरू की डॉ राजश्री पाल, डॉ मृदुला वर्मा, डॉ सुष्मिता मंडल और डॉ एनवी नरेंद्र कुमार काम कर रहे है।
24 घंटे होगी केवाईसी
केवाईसी देने के लिए फ्रिंगरप्रिंट, बायोमैट्रिक देना होता है। व्यक्ति की पहचान स्पीच से भी की जा सकेगी। इसके लिए वीडियो भी बनाया जाएगा। अभी केवाईसी के लिए एक बैकिंग पर्सन को बैठना पड़ता है। लेकिन इस सिस्टम के बन जाने के बाद बिना किसी बैकिंग पर्सन के केवाईसी की जा सकेगी। इसमें 24 घंटे केवाईसी समेत कई फीचर्स होंगे।
केवाईसी का अर्थ और क्यों?
केवाईसी यानी नो योर क्लाइंट (अपने क्लाइंट को जानें)। किसी भी बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए केवाईसी को रिजर्व बैंक ने अनिवार्य किया है। यह दरअसल कस्टमर को पहचानने वाले जरूरी दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया है। कई बैंक एक या दो साल में केवाईसी अपडेट के लिए कहते हैं। यदि अपडेट नहीं हो तो बैंक अकाउंट ब्लॉक कर दिया जाता है। इसके बाद बैकिंग ट्रांजेक्शन और अन्य कार्य नहीं हो सकते।