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शहर में अवैध प्लाटिंग पर प्रशासन सख्त, 398 भूखंडों की खरीदी-बिक्री पर रोक
रायपुर, 10 सितंबर 2022/ जिला प्रशासन ने अवैध प्लाटिंग पर सख्त रुख अपना लिया है। रायपुर कलेक्टर ने सात जोन के 398 भूखंडों की खरीदी-बिक्री पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। यानी इन भूखंडों की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी।
रजिस्ट्री कार्यालय द्वारा उक्त खसरा नंबरों को ब्लाक कर दिया जाएगा। कोई भी इन भूखंडों को खरीदने या बेचने के लिए पंजीयन का अपाइंटमेंट लेगा तो निरस्त कर दिया जाएगा। बिना टीएनसी व लेआउट अप्रूवल के भूखंड सस्ते दाम में मिलते हैं, जिसकी वजह से लोग फंस जाते हैं। अवैध प्लाटिंग में जमीन लेने वालों को निगम और बिजली विभाग की ओर से भी कोई सुविधा नहीं दी जाती है।
मिली जानकारी के अनुसार जोन एक में 27, जोन पांच में 38, जोन छह में 35, जोन सात में 23, जोन आठ में 93, जोन नौ में 50 और जोन 10 में 132 भूखंडों की खरीदी बिक्री पर रोक लगाई गई है।
इसलिए किसी कालोनी को कहा जाता है अवैध
टीएनसीपी से अनुमति नहीं होने पर
किसी भी कालोनी को विकसित करने के लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएनसीपी) से अनुमति लेना अनिवार्य है। बिल्डर्स द्वारा बताई गई सुविधाएं मापदंडों के अनुरूप होनी चाहिए, यानी जो सुविधाएं देना बताया जा रहा है। साथ ही इसके लिए नियमानुसार शुल्क भी देना होता है।
ले-आउट का अप्रूवल नहीं होने पर
टीएनसीपी से अनुमति के बाद ले-आउट की अनुमति निगम से दी जाती है। इसके बिना निर्माण करवा पाना संभव नहीं है। जिस हिसाब से ले आउट की अनुमति दी गई है, बिल्डर द्वारा उसी आधार पर निर्माण करवाया जाना है। इसका उल्लंघन करने पर भी कालोनी को अवैध माना जाता है।
ऐसे समझें, किस तरह लगाई जा सकती है रोक
टीएनसीपी
कोई भी कालोनी बसाने से पहले टीएनसीपी से अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके बाद ही उक्त कालोनी वैध मानी जाती है।
खामी: रजिस्ट्री से पहले टीएनसी अप्रूवल ही नहीं देख रहे, इसलिए होती रहती हैं रजिस्ट्रियां।
निगम
टीएनसीपी से अनुमति के बाद निगम द्वारा ले-आउट अप्रूवल दिया जाता है। इसके बाद ही निर्माण करवाया जाना संभव हो सकता है।
खामी: रजिस्ट्री के दौरान ले-आउट अप्रूवल भी नहीं देख रहे, इसलिए हो रही अवैध कालोनियों की रजिस्ट्रियां।