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क्यूआर कोड बताएगा मतदाता असली हैं या नकली, आधार से जोड़कर मतदाता पहचान कार्ड को बनाया जाएगा अधिक सुरक्षित
रायपुर, 30 जुलाई 2022/ चुनावी गड़बड़ियों को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग ने सुधार की दिशा में नया कदम उठाया है। अब मतदाता पहचान कार्ड आधार से जोड़ा जाएगा। यह पहले से अधिक सुरक्षित कार्ड होगा, जो क्यूआर कोड से युक्त होगा। क्यूआर कोड से मतदाता की जानकारी मिलेगी। इससे यह पता चल सकेगा कि मतदाता असली है या फिर नकली ।
इसके अलावा पहचान पत्र में नए कलेवर का होलोग्राम आदि होगा। साथ ही पहली अगस्त से मतदाता सूची को प्रमाणित करने और त्रुटिरहित बनाने के लिए शत-प्रतिशत मतदाताओं से संपर्क किया जाएगा। नए मतदाताओं को स्पीड पोस्ट के माध्यम से पहचान पत्र भेजा जाएगा।
एक अप्रैल 2023 तक मतदाताओं से आधार संख्या संकलित करनेे के लिए लक्ष्य रखा गया है। हालांकि मतदाता पहचान पत्र के लिए आधार की जानकारी देना स्वैच्छिक होगा। यह जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पी. दयानंद ने दी।
राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी दयानंद ने बताया कि आधार संख्या को संकलित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने फार्म-छह जारी किया है। इसका उद्देश्य मतदाताओं की पहचान, एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण की पहचान करना, ताकि मतदान में फर्जीवाड़ा रोका जा सके। मतदाताओं के आधार संख्या को आनलाइन-आफलाइन दोनों माध्यम से एकत्र किया जाएगा। सितंबर से हर महीने एक दिन विश्ोष शिविर का आयोजन किया जाएगा।
पंजीयन के लिए वर्ष में चार तिथियां
मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए अब एक जनवरी के स्थान पर वर्ष में चार तिथियां निर्धारित की गई है। इनमें अब एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर निर्धारित कर दिया गया है। 17 वर्ष का व्यक्ति कभी भी पंजीयन के लिए आवेदन कर सकेगा।
आनलाइन पंजीयन की सुविधा
आनलाइन पंजीयन कराने के लिए ईआरओ नेट, आइटी एप्लीकेशन नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल, वोटर हेल्पलाइन एप और गरुड़ एप में नए आवेदन प्रपत्र और प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध रहेगी।
प्रमुख बदलाव
जन्म और निवास के लिए दस्तावेज निर्धारित किए गए
प्रवासी मतदाताओं के पंजीयन के लिए फार्म-क में कोई बदलाव नहीं
मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र का प्राविधान