• breaking
  • Chhattisgarh
  • छत्तीसगढ़ में भारी बारिश से छलके बांध, गंगरेल में 86% पानी, छीरपानी-मटियामोती लबालब

छत्तीसगढ़ में भारी बारिश से छलके बांध, गंगरेल में 86% पानी, छीरपानी-मटियामोती लबालब

2 years ago
117
धमतरी के रविशंकर सागर जलाशय में तेजी से जलभराव हो रहा है।

 

 

रायपुर, 16 जुलाई 2022/  छत्तीसगढ़ में पिछले एक पखवाड़े से हो रही भारी बरसात से बस्तर संभाग में बाढ़ का कहर है। वहीं मध्य और उत्तर छत्तीसगढ़ के अधिकांश बांध और जलाशयों में तेजी से जलभराव हुआ है। प्रदेश के सबसे बड़े जलाशय रविशंकर सागर यानी गंगरेल में 85.77% पानी भर चुका है। वहीं कबीरधाम के छीरपानी और राजनांदगांव के मटियामोती जलाशय लबालब भर चुके हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक 16 जुलाई की सुबह 8.30 बजे तक छत्तीसगढ़ में 412.8 मिमी पानी बरस चुका है। सामान्य तौर पर एक जून से 16 जुलाई तक यहां औसतन 382.2 मिमी बरसात होती है। इस मान से छत्तीसगढ़ में सामान्य से 8% अधिक बरसात हो चुकी है। 13 जिलाें में सामान्य से अधिक पानी बरसा है। आठ जिलों में बरसात की स्थिति सामान्य है। वहीं छह जिलों में सामान्य से कम पानी बरसा है। जशपुर, बलरामपुर और सरगुजा में अभी भी सूखे के हालात बन रहे हैं। प्रदेश के अधिकांश जिलों में शनिवार को भी हल्की से मध्यम स्तर की बरसात जारी है। धमतरी के रविशंकर सागर जलाशय में तेजी से जलभराव हो रहा है।

इस बीच जल संसाधन विभाग के स्टेट डाटा सेंटर ने बताया है, प्रदेश के 12 बड़े जलाशयों में इस समय 54.48% तक जलभराव हो चुका है। पिछले साल 16 जुलाई तक 53.78% पानी भरा था। मध्यम स्तर के जलाशयों में कुल क्षमता का 58.16% पानी भर चुका है। 2021 में इस समय तक 46.75% जलभराव हो पाया था। गंगरेल जलाशय में 657.82 लाख घन मीटर पानी भर चुका है। वहीं मिनी माता बांगो जलाशय में 1513.64 लाख घन मीटर पानी भरा है। यह कुल क्षमता का 52.30% है। वहीं खारंग में 70% और सिकासार में 79% जलभराव हुआ है। एक महीने पहले तक इन जलाशयों में सूखे जैसी स्थिति बन रही थी।

Social Share

Advertisement