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छत्तीसगढ़ में अब “नरवा मिशन’ वन और ग्रामीण विकास विभाग मिलकर चलाएंगे अभियान, नालों को पुनर्जीवित करने की जिम्मेदारी

22 जून 2022/ छत्तीसगढ़ में बरसाती नालों (नरवा) को पुनर्जीवित करने और उसमें 12 महीने पानी भरा रखने की कोशिश में नरवा मिशन का गठन किया है। अभी तक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग और वन विभाग इस काम को अलग-अलग कर रहे थे। यह मिशन इन दोनों विभागों के बीच काम का समन्वय बनाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय और वन विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को इस मिशन का अध्यक्ष बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया, नरवा विकास कार्यक्रम के तहत प्रदेश के लगभग 30 हजार नालों को रिचार्ज करने के लिए चयनित किया गया है। इसके पहले चरण में 9 हजार 541 नालों के उपचार की स्वीकृति दी गई है। नालों का उपचार करने के लिए नरवा विकास कार्यक्रम के तहत नालों में वर्षा के जल को रोकने हेतु लूज बोल्डर चेक, चेकडेम, गली प्लग, कंटूर ट्रेंच, स्टाप डेम जैसी अलग-अलग संरचनाओं का निर्माण किया जाना है। बताया जा रहा है, इस कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ में सिंचित क्षेत्र बढ़ेगा और अधिकांश जगह कृषि के लिए जल उपलब्ध होगा। निस्तार के लिए भी पानी की कमी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी। साथ ही जैव विविधता को भी बचाया जा सकेगा। अधिकारियों का कहना है कि पहले उपचारित नालोें में अब गर्मी के दिनों में भी पानी रहता है। इससे निस्तार, पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता बढ़ी है और क्षेत्र में भू-जल स्तर में भी बढ़ोत्तरी हो रही है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले दौरे पर दिया था जोर
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो साल पहले नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत नालों को ठीक करने पर जोर दिया था। अपने विधानसभा दौरे के समय नालों को ठीक करने के ऐसे कुछ उदाहरण देखे थे। उसके बाद उन्होंने सभी जगह नालाें को उपचारित कर उसमें बरसाती पानी संभालने की बात बार-बार कही।
नरवा मिशन में इन अधिकारियों को रखा
नरवा मिशन में सात सदस्य हैं। सदस्यों का पद पदेन है। अभी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव आर. प्रसन्ना, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी कैम्पा वी. श्रीनिवास राव, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संयुक्त वन प्रबंधन) अरुण कुमार पाण्डेय, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन के आयुक्त मोहम्मद अब्दुल कैसर हक, नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी एवं छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के नोडल अधिकारी डॉ. तंबोली अय्याज फकीर भाई और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार मिशन के मुख्य अभियंता नारायण निमजे को इसका सदस्य बनाया गया है।
विभागीय कार्यक्रम जारी रहेंगे
नरवा मिशन के गठन के बाद भी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और वन विभाग के नरवा विकास कार्यक्रम जारी रहेंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से संचालित ‘नरवा कार्यक्रम’ की निगरानी और समीक्षा ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव करेंगे। वहीं वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से किए जा रहे नरवा विकास के कार्यों की समीक्षा एवं कार्यक्रम का क्रियान्वयन प्रधान मुख्य वन संरक्षक-PCCF की ओर से किया जाएगा।
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