रायपुर, 10 जून 2022/ अब लोगों को नामांतरण बनवाने, खाता विभाजन सहित सीमांकन प्रकरणों के लिए तहसील कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने होंगे। लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत अविवादित प्रकरणों को तीन महीने में निपटाना होगा। साथ ही जाति व मूल निवास प्रमाण-पत्र शासकीय छुट्टी को छोड़कर 15 दिन में बनाने होंगे और ऐसा नहीं करने पर राजस्व अधिकारी पर रोजाना 100 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा।

जुर्माने की यह राशि अधिकतम एक हजार रुपये रहेगी। जानकारी के अनुसार अगर नामांतरण व खाता विभाजन सहित सीमांकन के विवादित मामले भी आए तो इनका निपटारा छह महीने में करना होगा। राजस्व अधिकारियों द्वारा प्रकरण निपटाने में लेटलतीफी की गई तो उन पर जुर्माना होगा।

रायपुर जिले में एक हजार से अधिक मामले लंबित

सूत्रों के अनुसार अकेले रायपुर जिले के तहसीलों में ही वर्तमान स्थिति में एक हजार से ज्यादा प्रकरण लंबित है। बताया जा रहा है कि बहुत से प्रकरण तो इस वर्ष फरवरी महीने में हुई तहसीलदारों की हड़ताल के समय से लंबित हैं। वहीं बहुत से प्रकरण इसलिए लंबित हो गए हैं कि मई में विभिन्न क्षेत्रों में लगे शिविरों की वजह से कार्यालय में सुनवाई नहीं हुई।