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छत्तीसगढ़ में नए हेलिकॉप्टर खरीदी की शुरू होगी प्रक्रिया, पर बजट में लाना चुनौती
रायपुर, 26 मई 2022/ छत्तीसगढ़ सरकार का इकलौता हेलिकॉप्टर AW-109-Power क्रैश हो चुका है। ऐसे में सरकार अपने बेड़े में नया हेलिकॉप्टर शामिल करने की तैयारी में है। इस बार सरकार की निगाह मध्यम श्रेणी के एयरबस हेलिकॉप्टर पर है। बताया जा रहा है, राज्य सरकार इस हेलिकॉप्टर की खरीदी प्रक्रिया जल्द शुरू कर सकती है।
सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है, सरकारी बेड़े में नए हेलिकॉप्टर की जरूरत डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुए महसूस की जाने लगी थी। अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर खरीदी विवादों की वजह से तत्कालीन सरकार नये सौदे से हिचकती रही। अब जब कोई हेलिकॉप्टर नहीं बचा है सरकार के पास दूसरा कोई चारा नहीं है।
अधिकारियों का कहना है, किराये का हेलिकॉप्टर अधिक महंगा पड़ सकता है। इसलिए सरकारी बेड़े में खुद का हेलिकॉप्टर रखना ही किफायती और सुरक्षित है। विमानन विभाग नए हेलिकॉप्टर को पहले से बड़ा चाहता है। इसकी वजह से उनकी निगाह में एयरबस का H-155 मॉडल है। मध्यम श्रेणी के इस सिविल हेलिकॉप्टर में दो पायलट के साथ 15 सीटें हैं।
अधिकारियों का कहना था, पिछला हेलिकॉप्टर लाइट श्रेणी का 8 सीटर था। मुख्यमंत्री उसमें सवार होते तो उनके निजी सचिव और सुरक्षा अधिकारी के बाद एक-दो लोगों से अधिक के सवार होने की गुंजाइश ही नहीं बनती थी। अब नया हेलिकॉप्टर खरीदा जा रहा है, उसमें सीट की बढ़ी क्षमता का भी ध्यान रखा जाएगा। बताया जा रहा है, अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विधानसभावार दौरों से लौटने के बाद इसकी खरीदी प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत हाे जाएगी। शुरुआती प्रस्तव तैयार होने के बाद यह कैबिनेट में आएगा। यहां से मंजूरी मिली तो इसके लिए बजट में व्यवस्था करनी होगी।
इस श्रेणी के दूसरे हेलिकॉप्टर का विकल्प भी खंगालेंगे
अधिकारियों ने बताया, अभी इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। लेकिन एक बार बात शुरू होगी तो हेलिकॉप्टर चयन के लिए तकनीकी समिति बनाई जाएगी। उसमें तकनीकी विशेषज्ञ और पायलट भी रहेंगे। सरकार अपनी जरूरत बताएगी। उसके बाद दुनिया भर के निर्माताओं से दो इंजन वाले मध्यम श्रेणी के हेलिकॉप्टर का विकल्प खंगाला जाएगा।
हेलिकॉप्टर तय करने के बाद शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया
बताया जा रहा है, हेलिकॉप्टर की तकनीकी क्षमता और मॉडल आदि देखने के बाद टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए ग्लोबल टेंडर भी जारी किया जा सकता है। वहां से आए प्रस्तावों के आधार पर सरकार अपने लिए उपयुक्त हेलिकॉप्टर का सौदा तय करेगी। उसके बाद ही कंपनी नए हेलिकॉप्टर की आपूर्ति करेगी।