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रैली-कोसा का समर्थन मूल्य तय, छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ करेगा खरीदी
रायपुर, 10 मई 2022/ छत्तीसगढ़ सरकार अब रेशम उत्पादन के कच्चे उत्पाद रैली-कोसा की खरीदी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करेगी। राज्य लघु वनोपज संघ ने इसकी कीमत तय कर दी है। जल्दी ही इसकी खरीदी शुरू हो जाएगी। लघु वनोपज संघ रैली-कोसा कोकुन को रेशम विभाग को देगा। विभाग स्थानीय कारीगरों के जरिए इससे रेशम के सूत बनवाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने बस्तर संभाग में रैली-कोसा को समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए दर निर्धारित कर दिया है। इसके तहत रैली कोसा साबुत ग्रेड-1 में प्रति नग शेल भार 2.5 ग्राम के लिए 4.20 रूपए मिलेंगे। ग्रेड- 2 में प्रति नग शेल भार 2.2, 49 ग्राम के लिए 3.60 रुपए तथा ग्रेड- 3 में प्रति नग शेल भार 1.4-1.99 ग्राम के लिए 2.80 रुपए निर्धारित हुए हैं। रैली कोसा-पोली ग्रेड-1 में प्रति नग शेल भार 2.5 ग्राम के लिए 1.50 रुपए, ग्रेड-2 में प्रति नग शेल भार 2.2-2.49 ग्राम के लिए 1.25 रुपए और ग्रेड-3 में प्रति नगर शेल भार 1.4-1.99 ग्राम 70 पैसे निर्धारित है।
अभी तक बस्तर में उत्पादित रैली-कोसे को बाहर के व्यापारी खरीदते रहे हैं। इससे इसकी पर्याप्त कीमत नहीं मिल पाती थी। पहली बार सरकार खुद खरीदने को तैयार हुई है। इसके साथ ही रैली-कोसा ककून से धागा बनाने की भी तैयारी है ताकि स्थानीय लोगों को अधिक लाभ दिलाया जा सके। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि शासन के इस महत्वपूर्ण निर्णय से अब रैली कोसा के उत्पादन और प्रसंस्करण का दोहरा लाभ स्थानीय निवासियों को मिलेगा। राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया, छत्तीसगढ़ में 8 से 10 करोड़ रैली कोसा-ककून का उत्पादन होता है। रैली कोसा खरीदी का काम मुख्य रूप से बस्तर के सात जिलों जगदलपुर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोण्डागांव, केशकाल, नाराणपुर तथा कांकेर में होता है।
740 कारीगरों को दिया है रेशम का धागा बनाने का प्रशिक्षण
राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया,राज्य लघु वनोपज संघ तथा रेशम संचालनालय के बीच एक एमओयू हुआ है। इसके अनुसार लघु वनोपज संघ जो खरीदी करेगा उसका ककून रेशम विभाग को दिया जाएगा। रेशम विभाग ने बस्तर संभाग में 740 लोगों का चयन कर उन्हें ककून से रेशम का धागा बनाने का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
बजट में हुई थी रेशम मिशन की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मार्च 2022 में पेश हुए बजट के दौरान रेशम मिशन शुरू करने की घोषणा की थी। कहा गया था, बस्तर में बड़ी संख्या में रैली-कोसा का उत्पादन होता है। लेकिन रेशम उत्पादन की सुविधा यहां नहीं होने से इसका पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इस घोषणा के पालन में राज्य सरकार ने चालू वर्ष से लघु वनोपज संघ के माध्यम से कोसा कोकून न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया है। इस संबंध में आदेश लघु वनोपज संघ ने आज जारी कर दिए हैं।