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तीन वर्षों में लोगों के जीवन में आया बड़ा बदलाव – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

3 years ago
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Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel said there is no government job  in UP and when the opportunity comes paper leaks

रायपुर, 22 मार्च 2022/ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा हैं कि पिछले तीन वर्षों में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बहुत से बड़े-बड़े बदलाव लाए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता को राहत भी मिली और सशक्तीकरण भी हुआ हैं।

श्री बघेल ने विधानसभा में अपने अधीनस्थ विभागों की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है। हमने एक ओर जहां जनता को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाने पर जोर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं। वर्ष 2018 में जिन हालात में कराहता हुआ छत्तीसगढ़ मिला था, उसकी याद करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

सदन ने इसके साथ ही श्री बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हमें प्रचुर मात्रा में खनिज के रूप में मिला है। हमारा मानना है कि खनिज ऐसी धरोहर है, जिससे वर्तमान को संवारना है और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित भी रखना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी खनिज संसाधन मिल सके। इसलिए हमने बहुत ही पारदर्शी नीतियों और योजनाएं बनाई हैं। जिसके कारण एक ओर जहां खनिज राजस्व में तेजी से वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी ओर इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल रहा है। राज्य के समग्र विकास में हमारे खनिज संसाधन का समुचित उपयोग किया जा रहा है। खनिज राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है।

उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 7 हजार 800 करोड़ रुपए के विरूद्ध 8 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।

श्री बघेल ने कहा कि डीएमएफ के दुरूपयोग के बहुत से किस्से इस सदन में गूंज चुके हैं। हमने डीएमएफ के सदुपयोग की दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं। डीएमएफ का उपयोग अब खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास हेतु किया जा रहा है। हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार एवं हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में 2 हजार 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। डीएमएफ से अंशदान के रूप में वर्ष 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी को जनसुविधा तथा जनसशक्तीकरण का माध्यम बनाया है। इस कड़ी में अब राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की मॉनीटरिंग हेतु ऑनलाइन एडवांस प्लेटफॉर्म ‘मुख्यमंत्री सीजी कैम्प पोर्टल’ विकसित किया गया है। इस पोर्टल में प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं को शामिल किया गया है। जैसे गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, सीजी ई-डिस्ट्रिक्ट, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना की ऑनलाइन मॉनीटरिंग इसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है।

उन्होने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमने कुशल प्रबंधन और सही अनुशासन का पालन किया। यही वजह है कि कोरोना, कोयला संकट, लॉकडाउन जैसे तमाम अवरोधों के बावजूद हमने सर्वाधिक उत्पादन, उपलब्धता और आपूर्ति के कीर्तिमान बनाए। जब राज्य का गठन हुआ था तब छत्तीसगढ़ में बिजली की मांग सिर्फ 1हजार 334 मेगावाट होती थी। 2018 के अंत में 4 हजार 559 मेगावाट पहुंची और आज 5 हजार 57 मेगावाट के शीर्ष को हमने छुआ है।

उन्होने कहा कि किसानों को बिजली की ताकत देने के लिए निःशुल्क अथवा रियायती दर पर बिजली दी जा रही है। विगत 3 वर्षों में 5 लाख 94 हजार सिंचाई पम्प उपभोक्ता किसानों को 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट दी गई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। अन्य वर्गों के किसानों को 3 हार्स पावर के पम्पों पर 6000 यूनिट तथा 3 से 5 हार्स पावर वाले किसानों को 7500 यूनिट बिजली प्रतिवर्ष निःशुल्क दी जा रही है। बीपीएल परिवारों को 30 यूनिट प्रति कनेक्शन प्रतिमाह की दर से निःशुल्क बिजली दी जा रही है, जिससे 17 लाख से अधिक परिवारों के घर रोशन हो रहे हैं। सौर ऊर्जा से विगत 3 वर्षों में 56 हजार से अधिक पम्पों की स्थापना की गई है।

श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने बंद हो चुकी पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है, इससे अधिकारियों कर्मचारियों को बुढ़ापे की चिंता नहीं रहेगी क्योंकि उन्हें पेंशन मिलेगी। उन्होने प्रदेश में विमानन सुविधाओं के विकास के संबंध में कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी योजना अंतर्गत जगदलपुर, बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप विकसित कर इनका लायसेंस प्राप्त किया गया है। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है। राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए राशि 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है।

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