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छत्तीसगढ़ में राजस्थान को मिली कोयला खदान के विवाद पर बात; सोनिया को 3 पत्र लिख चुके हैं गहलोत
रायपुर, 27 फरवरी 2022/ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बैठक ख्त्म हो गई है। बताया जा रहा है, इस बैठक में छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में राजस्थान को आवंटित कोयला खदान को लेकर बातचीत हुई है। राजस्थान सरकार छत्तीसगढ़ की परसा कोयला खदान को शुरू करने के लिए दबाव बना रही है। उनका तर्क है कि इस खदान के चालू नहीं होने से उनके बिजली घरों में कोयला संकट हो गया है।
दरअसल, उत्तर छत्तीसगढ़ के समृद्ध वन क्षेत्र हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित है। इस खदान की क्षमता सालाना पांच लाख मीट्रिक टन की है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के साथ कोयला मंत्रालय भी इसको क्लीयरेंस दे चुका है, लेकिन यह खदान शुरू नहीं हो पाई है। स्थानीय आदिवासी और पर्यावरण संरक्षण से जुड़े लोग इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी विवादित है। वहीं परियोजना को NOC जारी करने के लिए स्थानीय प्रशासन ने ग्राम सभाओं के जिस सहमति प्रस्ताव को आधार बनाया है, उन पर फर्जी होने के आरोप हैं। ग्रामीणों ने कलेक्टर से लेकर राज्यपाल तक इसकी शिकायत कर जांच की मांग कर रखी है। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ सरकार कोल ब्लॉक को क्लीयरेंस नहीं दे रही है।
इन्हीं मुद्दों पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार शाम को ही दिल्ली रवाना हो गए। रवाना होने से पहले उन्होंने बताया, दिल्ली में वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक होनी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को सुबह दिल्ली पहुंचे हैं। सुबह से राहुल गांधी के निवास पर हुई बैठक में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी और कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल भी शामिल हुए थे। दोनों राज्याें के बीच यह मुद्दा जटिल है। छत्तीसगढ़ अगर अनुमति देता है तो उस इलाके में उसे भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। और अगर राजस्थान को अनुमति नहीं मिलती है तो पॉवर सेक्टर में नुकसान होगा। अब देखना यह है कि कभी सच में जादूगरी करने वाले अशोक गहलोत का जादू चलता है या फिर माटीपुत्र भूपेश बघेल अपने राज्य हितों को सुरक्षित कर पाते हैं।
कई बार पत्र लिख चुके हैं गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस कोयला खदान को क्लीयरेंस देने के लिए कई बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिख चुके हैं। समाधान नहीं हाेने पर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप का आग्रह किया था। बताया जा रहा है, उन्होंने सोनिया गांधी को अब तक तीन पत्र लिखे हैं। इसी मुद्दे पर अब सोनिया गांधी ने दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को बुलाया था ताकि कोई समाधान निकल सके।
बैठक के बाद कहा, चुनावी रणनीति पर चर्चा थी
बैठक के बाद प्रेस के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “इस बैठक में पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव पर चर्चा हुई है। खासकर बचे हुए चरणों के चुनाव अभियान और 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के बाद की परिस्थितियों की।’ बताया जा रहा है, परिणाम आने के बाद कांग्रेस अपने विधायकों को राजस्थान अथवा छत्तीसगढ़ में सुरक्षित करने की रणनीति बना रही है ताकि तोड़फोड़ की संभावना को खत्म किया जा सके।
दिल्ली से सीधे गोरखपुर पहुंचेंगे भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रविवार को फिर चुनाव प्रचार अभियान के लिए पूर्वांचल में उतर रहे हैं। इन इलाकों में 6ठवें चरण में 3 मार्च को मतदान होना है। तय कार्यक्रम के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुशीनगर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे हाटा विधानसभा क्षेत्र में प्रचार करने जाएंगे। यहां खोट्ठा बाजार में एक जनसभा होनी है। शाम 6 बजे के करीब वे गोरखपुर पहुंचेंगे। यहां वे गोरखपुर ग्रामीण सीट के भउवापार और तुर्कमानपुर-पांडेहाता क्षेत्र में डोर-टू-डोर जनसंपर्क करने वाले हैं।