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छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर अब 15 फरवरी तक कोदो-कुटकी और रागी खरीदेगी सरकार, पहले 31 जनवरी तक ही होनी थी खरीदी

3 years ago
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सरकारी केंद्रों पर मिलेट फसलों की खरीदी दिसम्बर से शुरू हुई थी। इसे 31 जनवरी तक पूरा कर लिया जाना था। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar

रायपुर, 29 जनवरी 2022/   छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी फसलों की सरकारी खरीदी अब 15 फरवरी तक होगी। इन फसलों की खरीदी के लिए 31 जनवरी तक की समय-सीमा तय हुई थी। लेकिन प्रदेश में बेमौसम बरसात की वजह से मिंजाई में हुई देरी हुई। ऐसे में किसानों के लिए तय समय के भीतर फसल बेचना लगभग असंभव हो गया था।

छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्रों के आसपास निवासरत किसान परम्परागत रूप से कोदो, कुटकी तथा रागी जैसे मोटे अनाज का उत्पादन करते हैं। इसको बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इनको समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया था। इसके तहत सरकार तीन हजार रुपया प्रति क्विंटल की दर से कोदो-कुटकी और 3377 रुपया प्रति क्विंटल की दर से से रागी की खरीदी कर रही है।

राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक संजय शुक्ला ने बताया, प्रदेश में अब तक लगभग ढाई करोड़ रुपए मूल्य की सात हजार 799 क्विंटल कोदो, कुटकी तथा रागी की खरीदी हो चुकी है। इनमें पांच हजार 990 क्विंटल कोदो, एक हजार 112 क्विंटल कुटकी और 697 क्विंटल रागी शामिल है। सरकार की योजना इस अनाज का वैल्यू एडिशन कर प्रदेश की पोषण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसी योजनाओं में शामिल करने की है।

बाजार में मिलेट की मांग बढ़ी

बताया जा रहा है, पौष्टिकता और सेहत के लिए फायदेमंद गुणों की वजह से बाजार में मिलेट की मांग बढ़ी है। लेकिन पर्याप्त मूल्य और बाजार नहीं होने की वजह से छत्तीसगढ़ में इनका उत्पादन घट रहा था। फरवरी 2021 में राज्य कैबिनेट ने कोदो-कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य घोषित किया। उसके बाद राज्य लघु वनोपज संघ के जरिए इसकी खरीदी शुरू की गई।

पिछले साल से 14 जिलों में मिलेट मिशन

सितम्बर 2021 में राज्य सरकार ने मिलेट मिशन की शुरुआत की। इसके तहत 14 वन बहुल जिलों में कोदो-कुटकी और रागी के उत्पादन को प्रोत्साहित करने की योजना पर काम शुरू हुआ। कांकेर, कोण्डागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, राजनांदगांव, कवर्धा, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बलरामपुर, कोरिया, सूरजपुर और जशपुर जिलों के किसानों को हैदराबाद का इंडियन इंस्टीस्ट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च प्रशिक्षण और तकनीकी सलाह दे रहा है।

 

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