• breaking
  • Chhattisgarh
  • CG Government ने बदले नियम, अब लक्षणों के आधार पर होगा कोरोना का इलाज

CG Government ने बदले नियम, अब लक्षणों के आधार पर होगा कोरोना का इलाज

3 years ago
156

Coronavirus India Live Updates In Hindi Coronavirus India Report Covid 19  Updates Cases Of 11 September 2021 Saturday - Coronavirus India Live  Updates: राज्यों को अब तक मिली वैक्सीन की 72 करोड़

रायपुर, 18 जनवरी 2022/ कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर राज्य सरकार ने प्रोटोकाल में बड़ा बदलाव किया गया है। नए प्रोटोकाल में अब मरीजों को सिर्फ लक्षण के आधार पर ही दवाएं दी जाएगी। कोरोना संक्रमण के लिए पहले दी जा रही दवाएं (एजिथ्रोमाइसिन, आइवरमेक्टिन, हाईड्रोक्सीक्लोरोक्विन, फेविपिरावीर, डाक्सीसाइक्लिन व अन्य) उपयोग में नहीं ली जाएगी।

छत्तीसगढ़ राज्य कोरोना नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डा. सुभाष मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर दी जा रहीं पहले की दवाओं में देखा गया है कि संक्रमण के इलाज में फायदेमंद साबित नहीं हुए। इसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश के बाद संक्रमितों के इलाज के लिए नई गाइड लाइन जारी की गई है।

संक्रमण के दौरान मरीजों में जिस तरह के लक्षण नजर आएंगे, उन्हें उनके आधार पर ही दवाएं दी जाएगी। इधर प्रशासन द्वारा होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए भी दवाओं के पैकेट में पैरासिटामाल, लिवोसेट्रिजीन, विटामिन-सी, जिंक टेबलेट दवाएं दी जा रही है।

खुद से ना करें जांच और इलाज

देखा जा रहा है कि कोरोना के लक्षण (CG Government) नजर आने पर मेडिकल स्टोर से किट लाकर जांच व खुद से दवाएं खरीद रहे, जो घातक तो है ही। स्वास्थ्य विभाग के पास भी संक्रमितों का डाटा नहीं पहुंच रहा है। सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने कहा है कि कोरोना संक्रमित होने पर मेडिकल स्टोर से खुद से दवाएं खरीदना, सेल्फ किट से कोरोना जांच की प्रवृत्ति घातक है। शासकीय केंद्रों में जांच व इलाज की नि:शुल्क व्यवस्थाओं का उपयोग करें।

8 लाख से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में हुए स्वस्थ

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में 10.55 लाख से अधिक मरीज मिले हैं। इसमें से 8.37 से अधिक मरीज होम आइसोलेशन से स्वस्थ हुए हैं। वहीं 1.72 लाख मरीजों को अस्पताल भर्ती कराना पड़ा है। चिकित्सकों ने बताया कि वर्तमान में कोरोना संक्रमण मरीजों को अधिक गंभीर नहीं कर रहा है। अच्छी बात यह है कि संक्रमण फेफड़ों तक नहीं पहुंच रहा। जो कि पहले बेहद घातक हो रहा था। बावजूद सतर्कता बेहद जरूरी है।

Social Share

Advertisement