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दुर्ग में किसके सिर सजेगा ताज, फैसला कल : भिलाई सहित तीन निगम, एक नगर पालिका के लिए काउंटिंग; अनुमान और दावों का दौर तेज
दुर्ग, 22 दिसंबर 2021/ दुर्ग जिले में नगर निगम भिलाई, रिसाली, भिलाई तीन चरौदा निगम और जामुल नगर पालिका में किसकी सरकार बनेगी, इसका फैसला 23 दिसंबर को हो जाएगा। इन सभी जगहों पर कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गजों की साख दांव पर लगी है। प्रत्याशियों में कौन जीता कौन हारा, इसके लिए अलग-अलग निर्धारित जगहों पर सुबह 9 बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। जिले में हो रहे निकाय चुनाव में 70 वार्डों के लिए लड़े जा रहे पार्षद चुनाव वाला भिलाई नगर निगम सबसे महत्वपूर्ण है।
भिलाई नगर निगम में अब तक चार बार निकाय चुनाव हो चुके हैं। इसमें कांग्रेस को तीन और भाजपा को एक बार स्थानीय सरकार बनाने का मौका मिला है। इसमें सबसे पहले कांग्रेस, फिर भाजपा और फिर लगातार दो बार से कांग्रेस के हाथों में यहां की बागडोर है। अब 5वीं बार जनता किस पार्टी को सत्ता की चाबी सौंपती है यह काफी दिलचस्प है। यहां जिस भी पार्टी के सबसे अधिक पार्षद चुनकर आएंगे, वह अपनी पार्टी की नगर सरकार बनाएंगे और अपने बीच से एक पार्षद को शहर का मुखिया चुनेंगे। शहर सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 70 में से 36 पार्षदों का समर्थन होना जरूरी है।
60 वार्डों का रिजल्ट तय करेगा दोनों दलों की किस्मत
भिलाई नगर निगम का रिजल्ट अभी आया नहीं, लेकिन इसे लेकर एग्जिट पोल और कई तरह के दावे सामने आ रहे हैं। वार्डों से मिल रही जानकारी के मुताबिक 70 में से 40 वार्ड ऐसे हैं जहां भाजपा और कांग्रेस में किसका पार्षद जीतेगा उसका अंदाजा लग रहा है। इन्हीं वार्डों का रिजल्ट इन दलों की किस्मत को तय करेगा। 14-15 ऐसे वार्ड हैं जहां कांग्रेस-भाजपा में जबरदस्त सीधी टक्कर है। बाजी किसी के हाथ भी लग सकती है। 9-10 वार्डों त्रिकोणीय संघर्ष की बात कही जा रही है। 7 वार्डों से निर्दलीय अपनी बाजी मार रहे हैं। अब गुरुवार को आने वाला 70 वार्डों का रिजल्ट भिलाई की किस्मत तय करेगा।
निर्दलियों की रहेगी चांदी
इस बार भिलाई नगर निगम में 7-9 सीट निर्दलीय के पाले में जाने की उम्मीद है। मेयर चुनाव पार्षद द्वारा होने के चलते निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। अगर उनकी सीट निकली तो उनका चुनावी खर्च मेयर बनाने वाले दल से ही निकल जाएगा। कहा जा रहा है कि जैसे ही चुनाव का परिणाम आया, निर्दलीय पार्षद या तो अंडरग्राउंड हो जाएंगे या उन्हें कर दिया जाएगा। मेयर बनने तक पार्षद का समर्थन लेने के लिए दोनों ही पार्टी एड़ी चोटी तक का बल लगा देंगी।
अन्य निगम और पालिका में भी कुछ ऐसा ही हाल
भिलाई के अलावा रिसाली, चरौदा नगर निगम सहित जामुल पालिका का ही कुछ ऐसा ही हाल दिख रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक रिसाली नगर निगम के 40 वार्डों में कांग्रेस का बहुमत आता दिख रहा है। यहां गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू की साख दांव पर लगी है। यह निगम कांग्रेस का गढ़ है, लेकिन भाजपा भी काफी कड़ी टक्कर देगी।
बात करें चरौदा निगम की तो यहां दोनों ही दलों में कांटे की टक्कर है। यहां किसकी नगर सरकार बनेगी इस पर सारे कयास ही फेल हो रहे हैं। वहीं जामुल नगर पालिका भाजपा की सरकार बनती दिख रही है। अब यह तो जनता ही तय करेगी कि किसे नगर सरकार बनाना है। इसका फैसला 23 दिसंबर को सबके सामने आ जाएगा।