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पुलिस परिवारों का आंदोलन खत्म : अफसर बोले- एक सप्ताह में हाई पावर कमेटी की बैठक, सहायक आरक्षकों पर कार्रवाई नहीं; आश्वासन के बाद माने परिजन
रायपुर, 08 दिसंबर 2021/ राजधानी रायपुर में पुलिस परिवारों का आंदोलन बुधवार दोपहर समाप्त हो गया। इसको लेकर पुलिस अफसरों ने आधिकारिक घोषणा की है। इसके बाद अभनपुर थाने के बाहर बैठे सहायक आरक्षकों के परिजन घर लौटने के लिए तैयार हो गए हैं। प्रदर्शन के दौरान मारपीट से आहत परिजन अभनपुर थने के बाद दोषी अफसरों पर FIR दर्ज करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे।
सुबह से ही सहायक आरक्षकों के परिजन अभनपुर स्थित सामुदायिक केंद्र में एकत्र हो गए थे। अन्य परिवारों को जोड़ने के लिए उन्होंने वीडियो बनाकर भी सर्कुलेट किए। इसके बाद सभी अभनपुर थाने में FIR दर्ज कराने के लिए निकल पड़े। थाने के बाहर ही प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी थी। सूचना मिलने पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने उन्हें समझाइश दी और शांत कराया।
रायपुर ग्रामीण एएसपी कीर्तन राठौर ने बताया कि सहायक आरक्षकों के परिजनों की मांग को लेकर सरकार ने हाई पावर कमेटी गठित की है। ADG हिमांशु गुप्ता की अध्यक्षता में गठित कमेटी में IG बस्तर भी शामिल हैं। एएसपी राठौर ने बताया कि कमेटी एक सप्ताह में बैठक करेगी। वहीं यह भी आश्वासन परिजनों को दिया गया है कि आंदोलन में शामिल परिवारों के सहायक आरक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
तीन दिन से आंदोलन कर रही थीं पुलिस परिवार की महिलाएं
नियमितीकरण, वेतन वृद्धि, समान सुविधाओं जैसी कई मांगों को लेकर पुलिस में सहायक आरक्षकों के परिवार से जुड़ी महिलाएं, बच्चे और पुरुष भी पिछले तीन दिन से राजधानी में हैं। पुलिस वालों के इन परिजनों ने 6 दिसंबर को पुलिस मुख्यालय के घेराव की कोशिश की थी। रायपुर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। महिलाओं से धक्कामुक्की और मारपीट भी हुई थी। कई महिलाओं के कपड़े तक फट गए थे। इसके बाद उन्हें सप्रे स्कूल में बनी अस्थाई जेल में रखा गया।
मांगे पूरी होने की तारीख तय करने की सरकार से मांग
पुलिस परिवारों के प्रदर्शन को देखते हुए राज्य सरकार ने हाई पावर कमेटी का गठन किया है। ADG हिमांशु गुप्ता को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार सुबह इसके आदेश भी जारी कर दिए। वहीं पुलिस परिजनों का कहना है कि सिर्फ आश्वासन मिला है। सरकार की ओर से जब तक नियत तारीख नहीं बता दी जाती, आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि कोरोना काल में ड्यूटी करते रहे, फिर भी एक दिन का वेतन काट लिया। जिन्होंने विरोध किया, उनको सस्पेंड कर दिया गया।