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CG नान घोटाला… ED की CBI जांच की मांग : सुप्रीम कोर्ट ने भेजा राज्य को नोटिस; हाईकोर्ट ने सरकार और याचिकाकर्ता से मांगी आदेश की कॉपी

3 years ago
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छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में नान घोटाले से जुड़ी कई याचिकाएं लंबित हैं। - Dainik Bhaskar

रायपुर, 07 दिसंबर 2021/  छत्तीसगढ़ के कुख्यात नागरिक आपूर्ति निगम (NAN) घोटाले मामले में हाईकोर्ट ने सरकार और याचिकाकर्ता दोनों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी मांगी है। शुक्रवार को सामाजिक संस्था ‘हमर संगवारी’ की याचिका पर सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट को बताया था कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चुका है। ED भी चाहती है कि घोटाले की जांच CBI करे।

याचिकाकर्ता राकेश चौबे ने बताया, नान घोटाले में CBI जांच की मांग को लेकर उन्होंने 2015 में ही छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी। उसकी सुनवाई अभी भी जारी है। 3 दिसम्बर को उनकी संस्था हमर संगवारी की ओर से वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी शामिल हुए। न्यायमूर्ति पी. सैम कोशी और न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की अदालत को उन्होंने बताया, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दी है। उसमें भी घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) से कराने की मांग की गई है। ED की याचिका पर सुनवाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और CBI को नोटिस जारी कर 10 दिनों में जवाब मांगा है। यह सुनने के बाद अदालत ने दोनों पक्षों से सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल ED की याचिका और अदालती आदेश की कॉपी जमा करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 17 दिसम्बर को तय की गई है। राकेश चौबे ने बताया, उनके वकील उस दिन तक कॉपी जमा करा देंगे।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद यह कहा है।

सर्वोच्च न्यायालय में क्या हुआ था

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की बेंच ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ED की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के बाद सर्वोच्च अदालत ने राज्य सरकार और CBI को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। प्रतिवादियों को दिया गया नोटिस उनके वकीलों को ही सर्व करा दिया गया। अदालत ने 10 दिन बाद अगली सुनवाई तय की है, उसी में जवाब पेश किया जाना है। अदालत ने सरकार को इस मामले में अपना वकील खड़ा करने और काउंटर एफिडेविट देने की छूट दी है। ED ने आलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। इस मामले में हाईकोर्ट दोनों को अग्रिम जमानत दे चुकी है।

36 हजार करोड़ का नान घोटाला, बड़े-बड़े नाम शामिल

छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW और एंटी करप्शन ब्यूरो ने 12 फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। इसमें करोड़ों रुपये नकद बरामद किये गये। इसके अलावा भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, हार्ड डिस्क और डायरी जब्त हुई थी। इस मामले में 30 अधिकारी-कर्मचारी आरोपी बनाये गये। इनमें खाद्य विभाग के तत्कालीन सचिव डॉ. आलोक शुक्ला और नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अनिल टुटेजा भी हैं। कहा जाता है यह घोटाला 36 हजार करोड़ रुपए का था। कांग्रेस इसमें भाजपा के प्रभावशाली नेताओं के शामिल होने का भी आरोप लगाती रही है, लेकिन जांच में उन्हें शामिल नहीं किया गया।

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