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राज्यसभा के 12 सांसद पूरे सत्र के लिए निलंबित, पिछले सेशन में अनुशासनहीनता पर हुई कार्रवाई
नई दिल्ली, 29 नवंबर 2021/ संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन राज्यसभा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 12 सांसदों को मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। इनमें सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, अनिल देसाई (शिवसेना), डोला सेन, शांता छेत्री (टीएमसी), एलमारन करीम (सीपीएम), फूलो देवी नेताम, छाया वर्मा, आर बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस) और बिनॉय विश्वम (सीपीआई) शामिल हैं। इनके खिलाफ मानसून सत्र के दौरान, 11 अगस्त को अनुशासनहीनता के आरोप में कार्रवाई की गई है। निलंबित किए गए सांसदों के निलंबन नोटिस में कहा गया है कि सांसदों ने 11 अगस्त को मानसून सत्र के आखिरी दिन अपने हिंसक व्यवहार से और सुरक्षाकर्मियों पर जानबूझकर किए गए हमलों से सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई।
राज्यसभा द्वारा की गई इस कार्रवाई पर सांसदों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। विपक्ष का कहना है कि 12 सांसदों का निलंबन नियमों के खिलाफ है क्योंकि नियम 256 के मुताबिक, सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है। जब मॉनसून सत्र 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है, तो इस नये सत्र में सदस्यों का निलंबन किया जाना पूरी तरह से अनुचित है। शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक, वहां भी आरोपी की बात को सुना जाता है। उनके लिए वकील भी उपलब्ध कराए जाते हैं। कभी-कभी सरकारी अधिकारियों को उनका पक्ष लेने के लिए भेजा जाता है, मगर तो यहां हमारा पक्ष नहीं सुना गया।’
आपको बता दें कि संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन यानी 11 अगस्त को उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष ने जमकर हंगामा किया था। विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि उन पर उन मार्शलों ने हमला किया, जो संसद की सुरक्षा का हिस्सा भी नहीं थे। जबकि हंगामे पर सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि एक पुरुष मार्शल पर सीपीएम सांसद एलमारन करीम ने जबकि राज्यसभा की एक महिला मार्शल पर छाया वर्मा और कांग्रेस सांसद फूलो देवी नेताम ने हमला किया था।