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आदिवासी नृत्य महोत्सव में पहली बार फिलिस्तीन और उज्बेक कला का प्रदर्शन होगा, श्रीलंका, अफ्रीकी देशों की कला भी बिखरेगी

3 years ago
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Palestine and Uzbek art will be showcased for the first time in tribal  dance festival, art from Sri Lanka, Syria, African countries will be  scattered | आदिवासी नृत्य महोत्सव में पहली बार

रायपुर 23 अक्टूबर 2021/  राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज में 28 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक प्रस्तावित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में भागीदारी के लिए 8 देशों ने अपनी सैद्धांतिक सहमति दी है। इसमें मध्य पूर्व के फिलिस्तीन और अफगानिस्तान के पड़ोसी उज्बेकिस्तान के लोक कलाकार भी अपनी पारंपरिक नृत्य शैली का प्रदर्शन करने वाले हैं। महोत्सव में भाग लेने वाले दूसरे देशों की यह संख्या बढ़ भी सकती है।

संस्कृति विभाग ने विभिन्न देशों के दूतावासों और उच्चायोगों के जरिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का न्यौता भेजा था। इनमें से नाइजीरिया, स्वाजीलैंड, युगांडा, माले, श्रीलंका, उज्बेकिस्तान, फिलिस्तीन और सीरिया ने महोत्सव में शामिल होने की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इन देशों के लोक नर्तक अगले कुछ दिनों में रायपुर पहुंचने वाले हैं। विभाग ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। विभाग ने इन विदेशी नर्तक दलों के रहने, आने-जाने और अन्य सुविधाओं की व्यवस्था के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी बांटी है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डी. राहुल वेंकट को युगांडा, नाइजीरिया, और स्वाजीलैण्ड के कलाकारों व प्रतिनिधियों के लिए प्रभारी बनाया गया है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अभिजीत सिंह को माले, उज्बेकिस्तान और श्रीलंका के प्रतिभागियों का जिम्मा मिला है। भारतीय प्रशासनिक सेवा की ही इफ्फत आरा को फिलिस्तीन और सीरिया के कलाकारों की व्यवस्था का जिम्मा मिला है। वहीं राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी मनीष मिश्रा और शशांक पाण्डेय को नृत्य महोत्सव की जूरी के साथ समन्वय के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।

सभी प्रदेशों में गए थे विधायक

रायपुर के आदिवासी नृत्य महोत्सव का न्यौता लेकर छत्तीसगढ़ के विधायक और संसदीय सचिव अलग-अलग प्रदेशों में गए थे। वहां मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल और संस्कृति मंत्रियों से मिलकर न्यौता दिया।

2019 में पहली बार हुआ था आयोजन

रायपुर में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की शुरुआत दिसम्बर 2019 से हुई। पहली बार इसमें छह देशों बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, यूगांडा, बेलारूस और मालदीव के कलाकार शामिल हुए थे। उस साल तय हुआ था कि यह महोत्सव अब राज्योत्सव के साथ ही होगा। 2020 में कोरोना संकट की वजह से आयोजन नहीं हो पाया।

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