रायपुर,  13 अक्टूबर 2021/ छत्तीसगढ़ के जंगलों को कोल ब्लाक से बचाने के लिए सरगुजा से शुरू हुई हसदेव बचाओ पदयात्रा बुधवार को राजधानी पहुंचेगी। करीब 300 किलोमीटर पैदल चलकर सैकड़ों की संख्या में आदिवासी राजधानी पहुंचेंगे और सरकार से जंगल बचाने की गुहार लगाएंगे। पदयात्रा के नौवें दिन आदिवासी दामाखेड़ा से रायपुर के ग्राम चरौदा पहुंचे। यात्रा का रास्ते में सिमगा के भूमिया, लखना के ग्रामीणों एवं पंचायत प्रतिनिधियों ने स्वागत कर अपनी एकजुटता प्रदर्शित की। बुधवार दोपहर में पदयात्री व्यास तालाब के पास बैठक करेंगे, इसके बाद दोपहर दो बजे तक रायपुर पहुंचेंगे।

भूमिया में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए सरपंच आशीष ने कहा कि हमारा गांव भी स्पंज आयरन प्लांट की स्थापना के खिलाफ आंदोलनरत रहा और सफलता भी पाई। आज कम से कम हम साफ सुथरे वातावरण में सांस तो ले पा रहे हैं। हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक मंडल सदस्य उमेश्वर सिंह अर्मो, रामलाल करियाम ने कहा कि हम राजधानी में न्याय की उम्मीद लेकर आए हैं।

हमारे क्षेत्र में परसा कोल ब्लाक की वन स्वीकृति के लिए की गई फर्जी ग्रामसभा की जांच के आदेश देकर कंपनी के पक्ष में जारी की गई वन स्वीकृति को निरस्त किया जाए। बिना ग्रामसभा की सहमति के पांच कोल ब्लाक परसा, केंते एक्सटेंसन, पतुरिया, गिड़मुड़ी एवं मदनपुर साउथ के लिए कोल बेयरिंग एक्ट 1957 के तहत भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को निरस्त किया जाए।

राहुल गांधी को याद दिलाया वादा

पदयात्रियों ने एक स्वर में नारा लगाकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना वादा पूरा करने की अपील की और कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र को खनन से मुक्त रखने की कांग्रेस सरकार घोषणा करे। धरसींवा पहुंचकर छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर कार्यकर्ता समिति) के साथी कल्याण पटेल सहित बड़ी संख्या में साथियों ने स्वागत कर अपना समर्थन प्रदान किया।