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मुख्यमंत्री ने DGP से कहा तत्काल स्टेट की बार्डर में चेकपोस्ट बनवाएं; छत्तीसगढ़ से गुजरते हुए 17 राज्यों में जाता है नशे का सामान

3 years ago
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सीमावर्ती सड़कों पर चेकपोस्ट लगाकर गांजे की तस्करी रोकने के उपाय करने को कहा गया है। - Dainik Bhaskar

 

 

 

 

 

रायपुर 16 सितंबर 2021/    गांजा और दूसरे मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस एक बड़ी तैयारी कर रही है। दरअसल छत्तीसगढ़ गांजा तस्करी का गोल्डन रूट बन गया है। खुलासा हुआ है कि आंध्र और ओडिशा से 600 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का गांजा यहां से पूरे देश में भेजा जाता है। इसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हस्तक्षेप करते हुए तुरंत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी को पड़ोसी राज्यों से जुड़ी सीमाओं पर पुलिस चेकपोस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। इन चेकपोस्ट में कैमरा और पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बल की तैनाती को भी कहा गया है।

DGP डीएम अवस्थी ने भी सीमावर्ती जिलों के सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किया है। इसके मुताबिक सीमावर्ती राज्यों से अवैध गांजा के राज्य में प्रवेश की सूचना अक्सर मिलती रहती है। इस तस्करी पर प्रभावी रोकथाम के लिए अन्य प्रदेशों से लगती सीमाओं पर चेक पोस्ट लगाना सुनिश्चित करें। इसके साथ ही चेकपोस्ट में कैमरे लगाने के निर्देश भी दिये गये हैं। DGP की ओर से कहा गया है, सीमावर्ती राज्यों से आने वाले मार्गों में चेकपोस्ट लगाकर पर्याप्त संख्या में सशस्त्र बल तैनात करते हुये अवैध गांजा, शराब एवं अन्य अवैध वस्तुओं की तस्करी पर प्रभावी रोक लगाएं। DGP ने निर्देश दिये हैं कि सभी एसपी अपने जिले में गांजा व अन्य मादक पदार्थों के अवैध भंडारण, विक्रय, अवैध परिवहन एवं तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगाना सुनिश्चित करें।

 

मुख्यमंत्री ने DGP को दिए थे निर्देश

बताया जा रहा है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांजा तस्करी की खबरों के बाद DGP को निर्देश दिए थे। उन्होंने पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की तैनाती करने और तस्करों का रूट ब्लॉक करने की भी बात कही थी। उसके बाद DGP ने सीमावर्ती जिलों में चेकपोस्ट बनाकर जांच और निगरानी बढ़ाने के नए निर्देश जारी किए हैं।

महासमुंद पुलिस ने जून में गांजे की यह खेप पकड़ी थी। करीब 2 करोड़ 20 लाख रुपए कीमत के गांजे को कटहल के नीचे छिपाकर ओडिशा से लाया जा रहा था।

ओडिशा-आंध्र से देश भर में पहुंचता है नशा

पिछले कुछ समय में ओडिशा के गांजे की मांग बढ़ी और देश के करीब 17 राज्यों के गांजा तस्कर यहां गांजा लेने आने लगे। ओडिशा में पहले गांजे की खेती कोरापुट जिले के व्यापारीगुड़ा, आंध्र ओड़िशा बार्डर और मलकानगिरी में होती थी। बढ़ती मांग को देखते हुए अब ओडिशा के ही नवरंगपुर जिले में इसकी खेती की शुरूआत हुई है। इसके साथ ही कंधमाल, कालाहांडी, गंजाम, भवानीपट्नम, मुन्नीमुड़ा में भी खेती शुरू हो गई। आंध्र प्रदेश में बड़े स्तर पर खेती और तस्करी होती है।

बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ से होकर गुजरता है यह तस्करों का नेटवर्क

सामने आया है, ओडिशा और आंध्रप्रदेश से हर साल 600 करोड़ से अधिक कीमत का गांजा देश भर में जाता है। इन 17 राज्यों में जो गांजा सप्लाई होता है, उसका मुख्य रास्ता छत्तीसगढ़ के बस्तर, महासमुंद और रायगढ़ जिलों से होकर गुजरता है। यहीं के अलग-अलग रास्तों से तस्कर गांजे की खेप अलग-अलग राज्यों में लेकर जाते हैं। सबसे ज्यादा गांजा हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दमन-दीव, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना और जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता है।

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