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छत्तीसगढ़ में बाढ़ के हालात : रायपुर में टूटा रिकॉर्ड, 24 घंटे में 504 मिमी बारिश, उफनाई नदियां, गरियाबंद का राजधानी से संपर्क कटा

3 years ago
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गरियाबंद के पास इस तरह बाढ़ में डूब गई है सड़क। कई रास्ते बंद कर दिए गए हैं, गांवों को खाली कराया जा रहा है। - Dainik Bhaskar

 

 

 

 

 

 

रायपुर 14 सितंबर 2021/     पिछले सप्ताह तक सूखे की आशंका से जूझ रहे छत्तीसगढ़ के कई जिले भारी बारिश की वजह से हलकान हैं। पिछले तीन दिनों से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। नदी-नाले उफान पर हैं। शहरों-गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों पर कई फीट तक पानी बह रहा है। गरियाबंद को रायपुर से जोड़ने वाले राजमार्ग को बंद कर दिया गया हैं। वहीं रायपुर-जगदलपुर हाइवे को धमतरी के बाद बंद कर दिया गया है। जगदलपुर जाने के लिए रूट डायवर्ट कर वाहन निकाले जा रहे हैं।

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल घटारानी के पास बाढ़ का भयावह रूप।

 

 

 

प्रसिद्ध पर्यटन स्थल घटारानी के पास बाढ़ का भयावह रूप।

सिकासेर बांध के 22 में से 17 गेट खोले गए

भारी बारिश के बीच बांध भी छलकने लगे। रात में प्रशासन ने सिकासेर बांध के 17 गेट खोलने का फैसला किया। इससे 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। प्रभारी अधिकारी उत्तम सिंह ध्रुव ने बताया कि बांध के 22 गेट में से 17 गेट को खोल दिया गया ,अब 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वेस्ट वियर से भी पानी छोड़ा जा रहा है। बांध में लगे बिजली उत्पादन यूनिट भी चालू कर दिया गया है। इसका पानी सीधे पैरी नदी में जाता है। गरियाबन्द मुख्यालय में जेल रोड ,महाविद्यालय, मजरकटा, पैरी कालोनी ,कोकड़ी आमदी के इलाके में घुटने भर से ज्यादा पानी भर गया है। वंही नदी किनारे बसे गांव पटोरा, चिखली, पाथर मोहन्दा, भिलाई, नहरगांव, मालगांव, बारूका, जलकुम्भी, गाहदर में पानी घुस गया है। प्रशासन ने नदी के निचले हिस्सों में रहने वाले गांवों को खाली कराना शुरू किया है। प्रशासन को बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में राहत के लिए पहुंचा दिया गया है।

इधर धमतरी में आज सुबह से भारी बारिश हो रही है बारिश के कारण शहर के प्रमुख सड़क आमापारा, बनिया पारा सहित निचली बस्तियों में करीब 4 फीट तक पानी भर गया है। रायपुर से जगदलपुर को जोड़ने वाली नेशनल हाईवे पर शहर के पुराना बस स्टैंड के पास भी 3 फीट तक पानी भर गया है। नेशनल हाईवे को बंद कर छोटी-बड़ी गाड़ियों को सिहावा रोड से विंध्यवासिनी मंदिर गोकुलपुर होते हुए जाने को कहा जा रहा है। शहर में सड़क किनारे की दुकानों के अंदर पानी भर गया है।

राजिम में कुलेश्वर महादेव मंदिर का चबूतरा डूबा

राजिम में त्रिवेणी संगम के बीच बना प्रसिद्ध कुलेश्वरनाथ महादेव मंदिर पानी से घिर गया है। उसका चबूतरा करीब-करीब डूब चुका है। इसकी वजह से श्रद्धालुओं का मंदिर पहुंचना बंद हो गया है। बताया जा रहा है, पिछले तीन-चार वर्षों में राजिम स्थित महानदी, सोंढुर और पैरी नदियों के पवित्र संगम में ऐसी बाढ़ नहीं आई थी। आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग राजिम पुल पर पहुंचकर संगम में बाढ़ का नजारा देख रहे हैं।

राजिम त्रिवेणी संगम में बना कुलेश्वर महादेव मंदिर तक जाने का रास्ता पूरी तरह डूब चुका है।

 

 

राजिम त्रिवेणी संगम में बना कुलेश्वर महादेव मंदिर तक जाने का रास्ता पूरी तरह डूब चुका है।

रायपुर में ही बरस गया 504 मिमी पानी

सोमवार से आज सुबह के 24 घंटे में रायपुर में भी बरसात का रिकॉर्ड टूटा है। जिले में औसतन 504.4 मिमी बरसात दर्ज हुई है। इसमें गोबरा नवापारा तहसील में सबसे अधिक 130.3 मिमी पानी बरसा है। रायपुर में 92.3, आरंग में 82, अभनपुर में 80, खरोरा में 61.5 और तिल्दा में सबसे कम 58.3 मिमी पानी गिरा है। इसकी वजह से अब तक की वर्षा का कोटा लगभग पूरा हो गया है। रायपुर तहसील में सामान्य से 104 प्रतिशत, गोबरा नवापारा में 138 प्रतिशत, खरोरा का 98 प्रतिशत और अभनपुर में बरसात का प्रतिशत 95 तक हो गया है। सूखे से सबसे अधिक प्रभावित चार तहसीलों में शुमार आरंग में अब जाकर 50 प्रतिशत बरसात का निशान छुआ है। वहीं तिल्दा में 81 प्रतिशत बरसात हो चुकी।

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