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वेदराम मनहरे भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे, 10 नेताओं के साथ हुए दिल्ली रवाना, BJP अध्यक्ष नड्‌डा दिलाएंगे सदस्यता; कहा- मुझे जो स्थान कांग्रेस में मिलना चाहिए, वो नहीं मिला

3 years ago
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कांग्रेस नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता वेदराम मनहरे के जन्मदिन पर बधाई का  सिलसिला जारी - awamdoot.in

 

 

 

 

 

रायपुर 10 सितम्बर 2021/    छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को जोर का झटका लगने वाला है। तिल्दा जनपद पंचायत के 2 बार अध्यक्ष, 2 बार उपाध्यक्ष रह चुके वेदराम मनहरे शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्‌डा 10 अन्य नेताओं के साथ बीजेपी में प्रवेश कराएंगे। मनहरे सतनामी समाज के संरक्षक के अलावा 2018 विधानसभा के चुनाव में आरंग विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार भी रह चुके हैं। उस दौरान कांग्रेस ने उन्हें उस सीट से टिकट नहीं दिया था।

मनहरे BJP में शामिल होने गुरुवार को ही 10 अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ दिल्ली रवाना हो गए हैं। उनके साथ भाजपा के बड़े नेता नंद कुमार साय भी रवाना हुए हैं। भाजपा में शामिल होने की बात को लेकर मनहरे ने कहा है कि पिछले कुछ समय से एक वरिष्ठ कांग्रेसी होने के नाते मुझे जो स्थान कांग्रेस में मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल रहा था।

PM नरेंद्र मोदी से भी करेंगे मुलाकात
मनहरे दिल्ली में कुछ दिन रहकर पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे और प्रदेश की सियासी हलचलों की जानकारी देंगे। इधर, अचानक से वेदराम के दिल्ली रवाना होने और भाजपा में शामिल होने की बात को लेकर कांग्रेस खेमे में भी हलचल है। मनहरे के साथ बीजेपी के दिग्गज नेता नंद कुमार साय भी दिल्ली पहुंचे हुए हैं।

दिल्ली रवाना होने वाले नेताओं में सभी नेता पंचायत क्षेत्र के बड़े नेता हैं। उनकी अपने-अपने इलाकों में अच्छी पकड़ है। यही वजह है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाएंगे। यह माना जा रहा है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर अभी से कमर कस ली है। बस्तर चिंतन बैठक के बाद यह कवायद भी इसी कड़ी से जुड़ी है।

मेरी व्यक्तिगत किसी से नाराजगी नहीं- वेदराम
इस पूरे मामले को लेकर वेदराम मनहरे ने कहा है कि जीवन का अर्थ केवल संघर्ष में है- ‘मैंने राजनीति शुरू की तब से कांग्रेस का दामन थामा था। कार्यकर्ता से लेकर बड़े पदों पर भी रहा, लेकिन मेरे अंदर का कार्यकर्ता हमेशा जीवित रहा। पिछले कुछ सालों से पार्टी की विचारधारा मेरे काम करने के तरीकों से मेल नहीं खा रही थी। मुझे कभी पद की लालसा नहीं रही, लेकिन पिछले कुछ समय से एक वरिष्ठ कांग्रेसी होने के नाते मुझे जो स्थान कांग्रेस में मिलना चाहिए था, वो नहीं मिल रहा था। मेरी व्यक्तिगत किसी से कोई नाराजगी नहीं है’।

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