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सीएम हाउस बना तिजहारिनों का मायका, मुख्यमंत्री ने महिला विधायकों-सांसदों के साथ की पूजा; महिला स्व-सहायता समूह का 13 करोड़ कर्ज माफ
रायपुर 06 सितम्बर 2021/ मुख्यमंत्री निवास में आज तीजा-पोरा तिहार की धूम रही। इस त्योहार के लिए मुख्यमंत्री निवास को तिजहारिन महिलाओं का मायका बना दिया गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल ने कांग्रेस की महिला सांसदों-विधायकों और नेताओं के साथ भगवान शिव, नंदी बैल और चुंकिया-पोरा की पूजा की और प्रदेश की खुशहाली के लिए कामना की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने महिला स्व-सहायता समूहों का 12 करोड़ 77 लाख रुपए का कर्ज माफ कर दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कर्ज माफी की नई घोषणा की है।
मुख्यमंत्री निवास में आज छत्तीसगढ़ी संस्कृति के इंद्रधनुषी रंगों की छटा देखते ही बन रही है। मुख्यमंत्री के न्यौते पर पारंपरिक वेशभूषा में बड़ी संख्या में महिलाएं उत्साह के साथ पहुंची। कार्यक्रम में राऊत नाच दल और छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों के दल ने छत्तीसगढ़ी गीत संगीत से अनोखा समां बांधा। बाद में मुख्यमंत्री और त्योहार में शामिल लोग पारंपरिक झूले रइचुल पर भी बैठे। पारंपरिक छत्तीसगढ़ी गीत-संगीत का आनंद लिया।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ताओं सुप्रिया श्रीनेत, अलका लांबा और रागिनी नायक को खासतौर पर आमंत्रित किया था। तीनों नेता सुबह की उड़ान से रायपुर पहुंची और आयोजन में शामिल हुईं। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, सरकार में महिलाओं का भरोसा सुशासन का सबसे बेहतर उदाहरण है। प्रदेश सुशासन के उदाहरण के रूप में देश भर में देखा जा रहा है। आयोजन में स्वास्थ्य एवं पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री टीएस सिंहदेव, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, सांसद ज्योत्सना महंत, छाया वर्मा, फूलोदेवी नेताम आदि प्रमुख रूप से शामिल हुए थे।
कर्जमाफी के साथ कर्ज का बजट भी बढ़ाने की भी घोषणा
मुख्यमंत्री ने सभी महिला स्व-सहायता समूहों के कालातीत ऋणों को माफ करने की घोषणा की। उनका कहना था, इससे वे पुनः ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियां आरम्भ कर सकेंगी। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही महिला समूहों को प्रति वर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में भी 5 गुना वृद्धि की घोषणा की है। महिला विधायकों और सांसदों ने आज यह मामला उठाया था।
88 हजार से अधिक महिला समूह चुका चुकीं कर्ज
महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंडिया ने महिला समूहों की कर्जमाफी की मांग की। उनका कहना था, कोरोना काल की वजह से कई स्व-सहायता समूह अपना कर्ज नहीं चुका पाई हैं। इसकी वजह से उनको नया कर्ज नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने बताया, प्रदेश के 38 हजार 899 स्व-सहायता समूहों ने 88 करोड़ 46 लाख रुपए का कर्ज लिया था, जिसमें से 67 करोड़ से अधिक की वसूली हो गई है। करीब 12 करोड़ 77 लाख 53 हजार 132 रुपए का कर्ज रह गया है। उन्होंने इसे माफ करने की मांग की। राज्यसभा सांसद फूलोदेवी नेताम ने महिलाओं को दिए जाने वाले ऋण का बजट कम बताया।
तीन द्वारों से मुख्य मंडप में प्रवेश की व्यवस्था
तीजा-पोरा तिहार के लिए पूरे मुख्यमंत्री निवास की पारम्परिक रूप में भव्य सजावट की गई है। मुख्य मंडप में प्रवेश के तीन द्वार बनाये गए हैं। मुख्य द्वार को पोरा पर्व के पारंपरिक नांदिया बैला से सजाया गया है। मुख्य द्वार के सामने पारम्परिक झूले- रईचुल, बैलगाड़ी, बस्तर जनजातीय आर्ट और छत्तीसगढ़ी जन-जीवन से जुड़े चित्रों का प्रदर्शन किया गया है। मध्य द्वार को पोरा पर्व से जुड़े पारम्परिक बर्तनों से बनाया गया है। मध्य और तीसरे द्वार के बीच की गैलरी को रंग-बिरंगे मटकों और रंगीन टोकनी के द्वारा आकर्षक कलेवर दिया गया है। तीसरे द्वार की सजावट पर सरगुजा अंचल की संस्कृति की छाप है।
मुख्य मंडप में खेल और सेल्फी जोन
मुख्य मंडप में एक खेल जोन बनाया गया है जहां फुगड़ी, चम्मच दौड़, जलेबी दौड़, कबड्डी, बोरा दौड़ आदि प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके पश्चिमी हिस्से में विशेष सेल्फी ज़ोन भी बनाया गया है। वहां छत्तीसगढ़ी ग्रामीण संस्कृति से जुड़े पारम्परिक बर्तन और रसोई के सामान जैसे मथनी, लकड़ी चूल्हा, धान कूटने की ढेकी, मूसर, जांता, धान नापने का काठा, सिल-पट्टा, खलबट्टा, सूपा, बैल गाड़ी का चक्का, झूला, मिट्टी के बैल आदि को प्रदर्शित किया है। दीवार पर ग्रामीण संस्कृति से जुड़ा म्यूरल भी बनाया गया है।
एक पारंपरिक छत्तीसगढ़ी घर भी आकर्षण का केंद्र
मुख्य मंडल के पूर्वी हिस्से में छत्तीसगढ़ी ग्रामीण परिवेश को दर्शाते एक मिट्टी का घर बना है। इसकी साज-सज्जा में पोरा से जुड़े विभिन्न प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है। घर के द्वार पर तुलसी चौरा और नन्दी बनाए गए हैं। यहां ग्रामीण जीवन मे उपयोग में आने वाले बर्तन व अन्य वस्तुओं जैसे पोरा, कढ़ाही, सुराही, बेलन-चौकी, ढकना, बाल्टी, चूल्हा आदि के मिट्टी के छोटे प्रतीकों सहित लकड़ी के नागर, बैलगाड़ी का चक्का और झाड़ू रखे हैं। इस घर की खिड़की में भी सेल्फी ज़ोन बनाया गया है। घर के बगल में मंदिर बना है जहां रखे शिवलिंग की मुख्यमंत्री सहित वहां मौजूद महिलाओं ने पूजा-अर्चना की। मंडप में अनाज नापने का विशाल तराजू भी प्रदर्शित है।