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गहनों में यूनिक ID नियम का विरोध में छत्तीसगढ़ में आज सराफा बाजार बंद

3 years ago
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रायपुर 23 अगस्त 2021/   आभूषणों की अनिवार्य हॉलमार्किंग यूनिक ID (HUID) नियम के विरोध में छत्तीसगढ़ में सोमवार को सराफा कारोबारी दुकानें बंद रखेंगे। वे नियमों का मनमाने ढंग से पालन करवाने का विरोध कर रहे हैं।इसे छत्तीसगढ़ के कारोबारियों ने भी समर्थन दिया है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरखमालू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन की ओर से शहर की सभी दुकानें बंद रहेंगी। एक अनुमान के मुताबिक, इसके चलते प्रदेश भर में सिर्फ एक दिन में करीब 100 करोड़ का कारोबार प्रभावित होगा।

रायपुर के कारोबारी मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मानक ब्यूरो प्रमुख प्रमोद तिवारी को ज्ञापन भेज रहे हैं। हरख मालू ने बताया कि हॉल मार्किंग की अनिवार्यता लेने के लिए व्यापारियों को HUID लेना अनिवार्य है, लेकिन इसकी जटिल प्रक्रियाओं के कारण सराफा कारोबारी काफी परेशान हैं। यह नया नियम व्यापारियों एवं कारीगरों के लिए फासीवादी कानून है, इसलिए इस पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए। यूनिक ID नियम को लेकर मालू ने बताया कि प्रदेश में बड़ी आबादी तो गांव में रहती है।

 

सराफा कारोबारी बोले- मैन्युफैक्चरर के पास से ID के साथ आएं गहने
नियम के मुताबिक, पूरा स्टॉक मानक ब्यूरो की वेबसाइट पर अपलोड करना है। एक एक प्रोडक्ट की डिटेलिंग होगी, सभी का नंबर जारी होगा। अब ग्रामीण सराफा व्यापारी पोर्टल या सॉफ्टवेयर कैसे ऑपरेट करेगा, जबकि पहले से ही आभूषणों में हॉलमार्किंग हो रही है। गहनों का रिकॉर्ड भी सरकार के पास है और क्वालिटी पर नियंत्रण भी। अगर यूनिक आईडी का नियम जरूरी है तो इसे मैनयुफैक्चरर पर लागू करें। रिटेलर को क्यों परेशान करना? छत्तीसगढ़ में करीब 5500 करोबारी हैं।

 

क्या है गहनों की यूनिक आईडी का कॉन्सेप्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गहने चोरी हो जाएं या कहीं गुम जाएं, अगर यह गलाए नहीं गए हैं तो इनके वास्तविक मालिक की पहचान आसानी से हो सकेगी। दरअसल, जिस तरह देश के सभी नागरिकों की पहचान आधार कार्ड में UID के जरिए की गई है, ठीक उसी तरह सरकार ने इसे से ज्वैलरी के हर नग की विशिष्ट पहचान (UID) अनिवार्य बना दिया है।

इस UID में बेचने वाले ज्वैलर का कोड और ज्वैलरी की पहचान दर्ज होगी। पुलिस या फिर कोई व्यक्ति जैसे ही BIS की ओर से बनाए जा रहे मोबाइल एप में यह UID डालेंगे तो यह पता चल जाएगा कि यह ज्वैलरी कब और कहां से खरीदी गई। ज्वैलर के पास इस बात की जानकारी भी होगी कि इस UID की ज्वैलरी उसने किस ग्राहक को बेची थी।

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