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दाल उत्पादन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के बयान को टीएस सिंहदेव ने बताया गलत, 7 साल के आंकड़े पोस्ट कर पूछा- कहां हुई है ग्रोथ

3 years ago
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TS Singh Deo tweet created panic in the Bhupesh Baghel governmeat BJP hits back | CG: टीएस सिंहदेव के ट्वीट ने सूबे की सियासत में मचाई खलबली, बढ़ी भूपेश सरकार की मुश्किलें

 

 

 

 

रायपुर 10 अगस्त 2021/    दाल उत्पादन को लेकर दिए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर CG के मंत्री ने सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा था- उनके आग्रह पर पिछले छह साल में दालों के उत्पादन में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आज छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पिछले 7 वर्षों के उत्पादन आंकड़े रखकर पूछा है कि यह ग्रोथ कहां हुई है?

9 अगस्त को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की किस्त जारी करने के कार्यक्रम से बात उठी। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- कुछ साल पहले जब देश में दालों की बहुत कमी हो गई थी, तो मैंने देश के किसानों से दाल उत्पादन बढ़ाने का आग्रह किया था। मेरे उस आग्रह को देश के किसानों ने स्वीकार किया। परिणाम ये हुआ कि बीते 6 साल में देश में दाल के उत्पादन में लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

प्रधानमंत्री के इस बयान को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के सोशल मीडिया अकाउंट से साझा किया गया। PMO के इस बयान को संदर्भित करते हुए छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा, ये हैं पिछले 7 वर्षों में दालों का उत्पादन। उसके बाद उन्होंने वर्षवार आंकड़े देकर पूछा, 50% की वृद्धि कहां है? पिछले 7 सालों में 44% की तुलना में उत्पादन वृद्धि 20% से भी कम है।

सिंहदेव ने पिछले सात वर्षों के दाल उत्पादन के ये आंकड़े दिए
वर्ष – उत्पादन

2014 — 19.26
2015 — 17.15
2016 — 16.32
2017 — 23.13
2018 — 25.42
2019 — 22.08
2020 — 23.01

(आंकड़े लाख मीट्रिक टन में।)

वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर हो चुकी है बहस
केंद्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकार होने की वजह से आंकड़ों के बीच ऐसी बहस तेज हुई है। कोरोना और कोरोना वैक्सीनेशन के आंकड़ों पर भी केंद्र और राज्य सरकार के बीच डेटा वार हो चुका है। केंद्र सरकार जिन आंकड़ों के सहारे राज्य सरकार को खराब प्रदर्शन वाला साबित करने की कोशिश करती है, राज्य सरकार काउंटर आंकड़े जारी कर केंद्र पर हमलावर हो जाती है।

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