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सरकार जंगल में सड़ा धान हाथियों को खिलाएगी ताकि गांव में न आएं, भाजपा बोली- हाथी उसे सूघेंगे तक नहीं, लत लग गई तो बढ़ेगी मुसीबत
रायपुर 07 अगस्त 2021/ हाथियों को बस्तियों या गांव में आने से रोकने के लिए सरकार उन्हें जंगल में ही सड़ा धान खिलाने की तैयारी में है। इसे लेकर अब सियासी बवाल होता नजर आ रहा है। भाजपा ने इसे एक फ्लॉप तरीका बताते हुए एलीफेंड रिजर्व लेमरू प्रोजेक्ट को शुरू करने पर जोर दे रहे हैं। इस सिलसिले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने शनिवार को रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर कहा कि हाथी सड़ा धान सूघेंगे भी नहीं और अगर खा भी लिया तो उन्हें लत लगेगी, इससे फसलों को वो नुकसान पहुंचाएंगे। हाथी पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं सभी जगह सरकार धान बिछा देगी क्या।
रायपुर के भाजपा कार्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेताओं ने बताया कि सरगुजा में पिछले कुछ दिनों से भाजपा नेताओं की टीम ने लोगों से मुलाकात की। हाल के दिनांे में मैनपाट इलाके में 9 लोगों की मौत हाथियों की हमले मंे हुई है। भाजपा नेताओं ने सभी मृतकों के परिवारों से मुलाकात की है। पार्टी ने दावा किया है कि जिन इलाकों मंे हाथी आते हैं। वहां मौजूदा कांग्रेस सरकार कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं कर रही। इससे आम आदमी परेशान है।
सड़े धान का ये है कॉन्सेप्ट
हाथियों को सड़ा धान खिलाने के कॉन्सेप्ट पर प्रयोग हो रहे हैं। अगर ये तय हो जाता है तो वन विभाग मार्कफेड से अंकुरित व बचा हुआ धान खरीदेगा। जंगल या बस्ती के बाहर ही धान उपलब्ध होने पर हाथी बस्ती में नहीं जाएंगे। साथ ही, संग्रहण केंद्रों में जमा 85 हजार टन धान को भी खपाया जा सकेगा। इस धान को मिलर 700 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर मांग रहे हैं, जबकि वन विभाग को 2095.82 रुपए में दिया जाएगा। करीब चार दशक से 300 से ज्यादा हाथियों का 9 जिलों में आतंक है। भोजन की तलाश में हाथी रायपुर के करीब मंदिर हसौद और महासमुंद शहर तक पहुंच चुके हैं। वन विभाग इसके लिए जल्द ही मार्कफेड से सड़ा गला धान लेकर खेतों में रखेगा। मार्कफेड के एमडी ने पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ को एक पत्र भेजकर यह ऑफर दिया है।