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राहुल गांधी की जासूसी पर भड़की कांग्रेस, PCC चीफ मोहन मरकाम ने कहा- यह देशद्रोही सरकार, बेडरुम तक की बातें सुन रही; 22 जुलाई को राजभवन तक पैदल मार्च
रायपुर 21 जुलाई 2021/ पेगासस स्पाइवेयर से जासूसी मामला छत्तीसगढ़ में भी गरमाता जा रहा है। जिन लोगों की जासूसी हो रही थी, उस लिस्ट में राहुल गांधी का नाम आने के बाद कांग्रेस बुरी तरह भड़क उठी है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने इसे देशद्रोह करार दिया है। उन्होंने कहा, अब लोग कहने लगे हैं कि ‘अब की बार देशद्रोही जासूस सरकार’। कांग्रेस गुरुवार को प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन से राजभवन तक पैदल मार्च करेगी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त करने की मांग की जाएगी।
राजीव भवन में PCC चीफ मोहन मरकाम ने कहा, मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। भारतीय जनता पार्टी का नाम बदल कर अब भारतीय जासूसी पार्टी रख देना चाहिए। उन्होंने कहा, मोदी सरकार इजरायली स्पाइवेयर पेगासस के माध्यम से न्यायाधीशों, संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों, अपने ही मंत्रिमंडल के मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों, वकीलों, ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट की जासूसी करवा रही है।
बेड रूम की बात भी सुन सकती है मोदी सरकार
अध्यक्ष मरकाम ने कहा, मोदी सरकार आप में से किसी के भी मोबाइल के अंदर नाजायज तौर से ये इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस डाल सकती है। आपकी बेटी, आपकी पत्नी के मोबाइल के अंदर ये डाल सकती है। आप अगर बाथरुम में फोन लेकर जा रहे हैं, आपके बेड रूम में फोन है, तो आप क्या बात क्या कर रहे हैं, आपकी बेटी, आपकी पत्नी, आपका परिवार क्या बात कर रहा है, सब कुछ मोदी सरकार सुन सकती है।
इससे शर्मनाक कुछ नहीं
मरकाम ने कहा, क्या किसी सरकार ने इससे ज्यादा शर्मनाक काम कभी किया होगा? इसके सबूत अब हैं और देश में जो चुनाव आयुक्त थे, अशोक लवासा उनकी भी जासूसी की गई है। ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने स्वयं देश के संविधान पर हमला बोल रखा हो। कानून के शासन पर हमला बोल रखा हो। मौलिक अधिकारों पर हमला बोल रखा हो और संविधान की शपथ जो सरकार ने ली थी, उस पर भी हमला बोल रखा हो।
संसदीय सचिव ने गांधी परिवार की SPG सुरक्षा वापस मांगी
संसदीय सचिव और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने जासूसी कांड के बाद राहुल गांधी की जान को खतरा बताया है। कहा, रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि राहुल गांधी के दोनों नंबर को 2018 से 2019 के बीच पेगासस जासूसी लिस्ट में शामिल किया गया था। यह बहुत ही गंभीर मामला है और यही वो समय था जब मोदी सरकार ने गांधी परिवार से SPG सुरक्षा हटा दिया था। मेरा मानना है कि इस जासूसी से राहुल गांधी की जान को भी खतरा हो सकता है। मोदी सरकार गांधी परिवार को तत्काल SPG सुरक्षा मुहैया कराए।
सरकार से पूछा कि क्या वह NSO की क्लाइंट है?
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, इस जासूसी के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। बिना इन दोनों की सहमति से ऐसा नहीं किया जा सकता है। पड़ताल में दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2017 के इजराइल दौरे के साथ ही NSO के सिस्टम में भारतीय नंबरों की एंट्री शुरू हुई। संसदीय सचिव ने पूछा कि क्या भारत सरकार NSO ग्रुप की क्लाइंट है? इस सवाल पर सरकार ने “हां’ या “ना’ में जवाब नहीं दिया है। जबकि एमनेस्टी इंटरनेशनल की टेक लैब ने 67 डिवाइस की फॉरेंसिक जांच की है। इसमें पाया है कि 37 फोन पेगासस का शिकार हुए थे। इनमें से 10 डिवाइस भारत के थे।