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वैक्सीन पर हाईकोर्ट ने सरकार से कहा- शपथपत्र देकर बताएं, हालात सुधारने के लिए क्या किया ; अब सुनवाई 5 अगस्त को

4 years ago
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हाईकोर्ट ने पूछा है कि वैक्सीन की कमी को लेकर आप की ओर से कोई कदम उठाए गए हैं या आप केवल केंद्र सरकार से वैक्सीन आने का इंतजार करते बैठे हुए हैं।  - Dainik Bhaskar

 

 

 

 

 

 

बिलासपुर 13 जुलाई 2021/    छत्तीसगढ़ में वैक्सीन की कमी को लेकर हो रही सुनवाई के दौरान मंगलवार को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फिर एक नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि हालात सुधारने के लिए अभी तक क्या कार्यवाही की गई है और आगे क्या करने वाले हैं। इसे लेकर सरकार को शपथ पत्र भी दाखिल करने को कहा गया है। साथ ही पूछा है कि वैक्सीन की कमी को लेकर आप की ओर से कोई कदम उठाए गए हैं या आप केवल केंद्र सरकार से वैक्सीन आने का इंतजार करते बैठे हुए हैं। मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील हिमांशु सिन्हा ने कोर्ट को बताया की देश में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ में पिछले 6 दिनों से टीकाकरण बंद है। राज्य में 75% वैक्सीनेश सरकारी केंद्र और 25% प्राइवेट अस्पतालों में चल रहे हैं। वैक्सीन नहीं होने से सरकारी केंद्र बंद है, पर प्राइवेट में जारी है। उन्होंने कहा कि क्या जानबूझकर प्राइवेट अस्पतालों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

इससे पहले पूछा था- कितने लोगों को वैक्सीन लगी, कितने बचे
इससे पहले 24 जून को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में अधिवक्ता सिद्धार्थ आर. गुप्ता ने मामले में पैरवी करते हुए बताया था की राज्य शासन ने अब तक यह जानकारी नहीं दी है कि कितने लोगों को तीसरी लहर से सुरक्षित करने के लिए वैक्सीन लगा चुके हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि सरकार आंकड़े पेश करे कि कितने लोगों को वैक्सीन लग चुकी है और कितने लोग बाकी हैं। इसको लेकर अगली सुनवाई यानी 13 जुलाई तक जवाब पेश करना था।

 

अन्य पड़ोसी राज्यों की तरह ग्लोबल टेंडर जारी करने की है मांग
दरअसल, हाईकोर्ट के वकील शैलेंद्र दुबे की ओर 25 मई को याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि मौजूदा स्थिति में वैक्सीन की पूर्ति करने के लिए देश में केवल दो कंपनियां काम कर रही हैं। इसकी वजह से कई राज्यों को वैक्सीन की कमी की वजह से टीकाकरण अभियान रोकना पड़ा है। उत्तर प्रदेश, ओडिशा, कर्नाटक जैसे राज्यों ने वैक्सीन की कमी को देखते हुए ग्लोबल टेंडर जारी किया है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार को भी टेंडर जारी करना चाहिए।

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