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आयुर्वेदिक कॉलेज में 40 बेड का पहला बच्चों का अस्पताल शुरू

4 years ago
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More than 12 arrived on the first day, most had seasonal cold-cough | पहले  दिन 12 से ज्यादा पहुंचे, ज्यादातर को सीजनल सर्दी-खांसी - Dainik Bhaskar

 

 

 

 

 

 

रायपुर 13 जुलाई 2021/    आयुर्वेदिक कॉलेज के एक हिस्से में खुले प्रदेश के पहले बच्चों के अस्पताल में सोमवार से इलाज शुरु हो गया। पहले दिन 12 से अधिक बच्चों को इलाज के लिए लाया गया। ज्यादातर बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण थे। प्रारंभिक जांच में बच्चों में सर्दी खांसी सीजनल वायरल के ही निकले। केवल दो बच्चों को ही कोरोना टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर रायपुर में बच्चों के इस अस्पताल में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे इलाज की सुविधा उपलब्ध रहेगी। 40 बिस्तरों वाले इस अस्पताल को तीसरी लहर के मद्देनजर तैयार किया गया है। रायपुर में 0 से 14 साल के आयु समूह में बच्चों की आबादी करीब 10.55 लाख है। शहर के ही सरकारी और निजी अस्पतालों में रोज औसतन 10 हजार बच्चे इलाज के लिए पहुंचते हैं।

जिला अस्पताल पंडरी और कालीबाड़ी में अंबेडकर अस्पताल के गायनी और पीडिया वार्ड को शिफ्ट कर दिया गया है। इन दोनों अस्पतालों में रोज बच्चों की ओपीडी में औसत 100 से 250 इलाज के लिए पहुंचते हैं। पंडरी जिला अस्पताल के पीडियाट्रिक को ही नई व्यवस्था के तहत आयुर्वेदिक कॉलेज में शिफ्ट कर एक अलग बच्चों का अस्पताल बनाया गया है।

रूटीन चेकअप के लिए भी लाया गया बच्चों को

पहला दिन होने के कारण आयुर्वेदिक अस्पताल में केवल 12 को ही इलाज के लिए लाया गया। कुछ अभिभावक बच्चों के रूटीन चेकअप यानी वजन और दूसरी जांच के लिए भी अस्पताल में पहुंच गए थे। अस्पताल के इंचार्ज डॉ. निलय मोझरकर के मुताबिक केवल दो ही बच्चों में सर्दी खांसी के लक्षण के साथ कोरोना संदिग्ध के रूप में पहचान हुई है।

इसलिए बच्चों और उनके अभिभावकों को कोरोना जांच करवाने की सलाह दी गई है। बाकी कुछ बच्चों में सर्दी खांसी सीजनल ही निकली। दरअसल हाईग्रेड फीवर के साथ सर्दी खांसी जैसे लक्षणों में कोरोना की आशंका रहती है। इसके अलावा संक्रमितों के संपर्क की हिस्ट्री होने से कोरोना का खतरा बढ़ जाता है।

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