- Home
- breaking
- Chhattisgarh
- लेमरु हाथी रिजर्व विवाद में बृजमोहन अग्रवाल बोले – यह सरकार का यू-टर्न, उद्योगपतियों का हित साधना चाहती है राज्य सरकार
लेमरु हाथी रिजर्व विवाद में बृजमोहन अग्रवाल बोले – यह सरकार का यू-टर्न, उद्योगपतियों का हित साधना चाहती है राज्य सरकार
रायपुर 08 जुलाई 2021/ उत्तर छत्तीसगढ़ के 1995 वर्ग किलोमीटर में प्रस्तावित लेमरु हाथी रिजर्व का क्षेत्रफल घटाए जाने के प्रस्ताव पर उठे विवाद में अब विपक्ष भी कूद पड़ा है। रायपुर से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसे सरकार का अपने फैसले पर यू-टर्न बताया है। उन्होंने कहा, ऐसा करके राज्य सरकार केवल उद्योगपतियों का हित संरक्षित करना चाहती हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, ‘जिन विधायकों के पत्र के आधार पर क्षेत्रफल कम करने की कवायद शुरू हुई है वह पत्र उन्होंने अपनी मर्जी से नहीं लिखा है। वह पत्र उनसे लिखवाया गया है। इस सरकार को अब छत्तीसगढ़ के जंगलों, आदिवासियों और हाथियों के रहवास की चिंता नहीं है। इन्हें अब उद्योगपतियों के हितों काे संरक्षित करने की ही चिंता है। इनको, वैध और अवैध दोनाें तरीकों से केवल पैसा इकट्ठा करने की चिंता है। कहां हाथी रिजर्व को 1995 वर्ग किलोमीटर को बढ़ाकर 3 हजार 827 वर्ग किमी करने की बात थी अब 450 वर्ग किमी की बात हो रही है। आखिर इतना विरोधाभास क्यों। यह तो सरकार का यू-टर्न है।’ बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, ‘इस सरकार को पर्यावरण की चिंता नहीं है। इनको केवल कमाई की चिंता है, उसी की वजह से लेमरु हाथी रिजर्व का एरिया ये कम कर रहे हैं।’ दैनिक भास्कर ने दो दिन पहले बताया था कि वन विभाग लेमरु हाथी रिजर्व का क्षेत्रफल 1995 वर्ग किमी से कम कर केवल 450 वर्ग किमी तक सीमित करना चाहती है। इसके लिए एक मंत्री और सात विधायकों के पत्र को आधार बनाया गया है।
80% छोटा होगा लेमरू हाथी रिजर्व!:सरगुजा क्षेत्र के विधायकों से प्रस्ताव लेकर हाथी रिजर्व को 1995 की जगह 450 वर्ग किमी में सीमित करने की तैयारी, मंत्रिपरिषद में आएगा प्रस्ताव
एलीफेंट रिजर्व में कोल माइंस को सरकार की मंजूरी:लेमरु हाथी रिजर्व के घने जंगल दे दिए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को, यहां कोयला खदानों का संचालन करेगा अडाणी ग्रुप
वन मंत्री बोले, फैसला कैबिनेट में होगा
इस संबंध में पूछे जाने पर छत्तीसगढ़ के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा, लेमरु को लेकर सरकार में कोई विरोधाभास नहीं है। कैबिनेट के सामने 1995 वर्ग किमी का प्रजेंटेशन दिया गया था। अंतिम फैसला होना बाकी है, इसलिए अधिसूचना जारी नहीं हुई। अगर कम-ज्यादा करना है तो कैबिनेट को ही यह अधिकार है। वहीं प्रस्ताव जाएगा और वहीं से जो होना होगा वह होगा।
यहां से शुरु हुआ लेमरु का नया विवाद
अगस्त 2019 में राज्य मंत्रिपरिषद ने 1995.48 वर्ग किमी क्षेत्र में लेमरु हाथी रिजर्व बनाने का प्रस्ताव किया था। फैसला हो गया, लेकिन तकनीकी वजहों से अधिसूचना जारी नहीं हुई। इस बीच हसदेव नदी के जलग्रहण क्षेत्र और जैव विविधता बचाने के नाम पर इसके विस्तार का प्रस्ताव बना। तय हुआ कि इसे 3 हजार 827 वर्ग किमी कर दिया जाए। इस हाथी रिजर्व में सरगुजा, कोरबा और रायगढ़ जिले का बड़ा हिस्सा आ रहा था। अब वन विभाग कह रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, लैलुंगा विधायक चक्रधर सिंह सिदार, भरतपुर-सोनहत विधायक गुलाब कमरो, मनेंद्रगढ़ विधायक डॉ. विनय जायसवाल, लुण्ड्रा विधायक डॉ. प्रीतम राम, कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर, कुनकुरी विधायक यूडी मिंज और कोरबा विधायक मोहित राम ने लेमरु हाथी रिजर्व को 450 वर्ग किमी तक सीमित करने का अनुरोध किया है। स्थानीय ग्राम पंचायतों ने भी हाथी रिजर्व का क्षेत्र सीमित रखने का अनुरोध किया है। उनको आशंका है कि इससे उनकी आजीविका बाधित होगी और गतिविधियां सीमित हो जाएंगी। ऐसे में विभाग ने फैसला किया है, लेमरु हाथी रिजर्व का क्षेत्रफल 450 वर्ग किमी करने और उसकी सीमाओं के निर्धारण का प्रस्ताव मंत्रिपरिषद के सामने रखा जाए।