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छत्तीसगढ़ के सीनियर IPS अफसर जीपी सिंह के रायपुर स्थित सरकारी बंगले में 54 घंटे से ACB की छापेमार कार्रवाई 

4 years ago
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शनिवार को इस मामले में जांच का तीसरा दिन है।

 

 

 

 

 

 

रायपुर 03 जुलाई 2021/    छत्तीसगढ़ के सीनियर IPS अफसर जीपी सिंह के रायपुर स्थित सरकारी बंगले में 54 घंटे से ACB की छापेमार कार्रवाई जारी है। गुरुवार की सुबह 6 बजे जांच टीम जीपी सिंह के सरकारी बंगले में दाखिल हुई। शनिवार की दोपहर तक टीम वहीं जमी हुई है। सूत्रों के मुताबिक कई ऐसे अहम दस्तावेज मिले हैं जिनकी पड़ताल जीपी सिंह के घर पर ही की जा रही है। पिछले 54 घंटों से ADG जीपी सिंह अपने घर में बंद हैं। वो फोन पर कुछ लोगों से बीच-बीच में बात कर रहे हैं, मगर ACB की नजर उन पर बनी हुई है। कुछ कागजों में अफसर और नेताओं के नाम भी मिले हैं। इनसे जुड़ी पूछताछ की जा रही है।

शनिवार को इस मामले में जांच का तीसरा दिन है।

जांच टीम के अफसरों को यहां से एक डायरी मिली है। इस डायरी में जादू-टोने से जुड़ी बातें लिखी मिली हैं। इस डायरी में कोर्ड वर्ड में कुछ अफसरों के बारे में बातें लिखी हैं। जादू-टोने की बातें ये पुलिस महकमे के ही बड़े अधिकारियों के बारे में है। डायरी में लिखा है-वह थाईलैंड से 20 पैर वाला कछुआ मंगवा चुका है। उसकी बलि देने के बाद कुछ भी कर सकेगा। इनमें से एक अफसर का नाम “छोटा टकला” लिखा गया है। लिखा है कि छोटा टकला ने एक अफसर का बाल काट लिया है, इसलिए सब कुछ बिगाड़ सकता है। इन मामलों की थी जांच जारी है। रात के वक्त भी ACB की टीम जमी रही।

विदेशी बैंकों में अफसर के खाते
ACB की जांच टीम को जीपी सिंह के विदेशी बैंकों में कई खातों की जानकारी मिली है। उन खातों की लिस्टिंग, पैसा कहां से आया किसने दिया इन पहलुओं की जांच कर एंटी करप्शन की टीम कर रही है। शुक्रवार शाम तक की स्थिति में ओडिशा में संपत्ति, कंस्ट्रक्शन के काम में इस्तेमाल होने वाले आधा दर्जन वाहन, कई बैंक अकाउंट्स, 75 से अधिक बीमा पॉलिसी के सबूत मिले। ये सब जीपी सिंह उनकी धर्मपत्नी और उनके पुत्र के नाम पर हैं। ACB के अफसरों का काफिला जीपी सिंह के घर के बाहर।

गिरफ्तारी की संभावना कम
ACB की टीम ने जीपी सिंह पर धारा 13(1)बी, 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम यथा संशोधित 2018 के तहत केस पंजीबद्ध किया गया। ACB सूत्रों ने दैनिक भास्कर को बताया कि इस वक्त जीपी सिंह को गिरफ्तार किए जाने की संभावना कम है। सिंह और उनके करीबी काली कमाई का पैसा विदेशी बैंकों में ट्रांसफर कर रहे थे, इसकी जांच कुछ लंबी चल सकती है। जमीन और दूसरे निवेश के दस्तावेजों की जांच के बाद जीपी सिंह की गिरफ्तारी हो सकती है।

तो क्या छापे की जानकारी हो चुकी थी लीक !
शुक्रवार की शाम ACB की तरफ से आधिकारिक तौर पर पुष्टि करते हुए कहा गया कि जीपी सिंह के सरकारी बंगले ये सीसीटीवी का डीवीआर गायब है। इस वजह से टीम को ये पता नहीं चल पा रहा है कि आखिर कौन लोग यहां आ रहे थे और बंगले क्या कुछ सामान बाहर भेजा गया है। अचानक डीवीआर का गायब हो जाना कोई संयोग नहीं है। चर्चा है कि इस छापे की खबर पहले ही जीपी सिंह को लग गई जिसके चलते DVR गायब करवा दिया गया होगा।

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