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ऑनलाइन गेम के चक्कर में 3 माह में मां के खाते से 278 बार हुआ ट्रांजेक्शन
कांकेर 28 जून 2021/ ऑनलाइन गेमिंग की दुनिया अब बच्चों के साथ उनके परिजनों पर भी भारी पड़ने लगी है। छत्तीसगढ़ के कांकेर में एक महिला के खाते से तीन माह में 3.22 लाख रुपए निकल गए। महिला को पता चला तो ऑनलाइन ठगी की आशंका से FIR दर्ज कराई। पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि महिला के ही 12 साल के बच्चे ने गेम के लेवल को अपग्रेड करने की चक्कर में हथियार खरीद डाले। मामला पंखाजूर थाना क्षेत्र का है।
बैंक से पता चला खाते से लिंक मोबाइल नंबर से ही रुपए ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इन रुपयों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम खेलने और गेमिंग लेवल को अपग्रेड करने में खर्च किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, पीवी 12 मिडिल स्कूल में टीचर शुभ्रा पाल के खाते से 8 मार्च से 10 जून के बीच 278 बार ट्रांजेक्शन हुआ। इस दौरान उनके खाते से 3.22 लाख रुपए निकल गए। इसे लेकर उन्होंने 11 जून को थाने में शिकायत की। खास बात यह रही कि रुपए निकलने के लिए उनके मोबाइल पर एक बार भी OTP नहीं आया। ऐसे में इसे शातिरों का ऑनलाइन ठगी करने का नया तरीका मानकर पुलिस ने जांच शुरू की।
खाते में लिंक मोबाइल नंबर से ही ट्रांसफर किए गए रुपए
बैंक से पता चला खाते से लिंक मोबाइल नंबर से ही रुपए ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इन रुपयों का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम खेलने और गेमिंग लेवल को अपग्रेड करने में खर्च किया गया है। इस मोबाइल से महिला टीचर का 12 साल का बेटा ही ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ खेलता था। उससे पूछताछ की तो पता चला कि फ्री गेम खेलने के आदी हो चुके बच्चे ने अपग्रेड कर हथियार खरीदने की चक्कर में मां के मोबाइल नंबर से रुपए ट्रांजेक्शन करने शुरू कर दिए।
और बच्चे भी गेम की गिरफ्त में, नकदी भी देते हैं पैसे
जांच के बाद यह भी पता चला कि क्षेत्र के कई बच्चे इस गेम की गिरफ्त में है। यह बच्चा भी अपने मोहल्ले के किशोरों और युवकों के साथ ऑनलाइन गेम खेलता था। कुछ अन्य बच्चों की भी इसी तरह ऑनलाइन खरीदी की बात सामने आ रही है। हालांकि बच्चे के परिजन का आरोप है उनके बेटे ने किसी बड़े बच्चे के बहकावे में आकर ऐसा किया है। बच्चे घर से मिली पॉकेट मनी और रुपए चोरी कर खर्च कर रहे हैं। जिनके पास ऑनलाइन सुविधा नहीं है, वे किसी और से खरीददारी करने उन्हें रुपए देते हैं।
रायगढ़ में ऑनलाइन गेम के उधार की चक्कर में हुई थी हत्या
रायगढ़ के सारंगढ़ में ऑनलाइन गेमिंग के लिए उधार ली गई रकम की चक्कर में 17 साल के छात्र लक्षेंद्र खूंटे की उसके ही दोस्त चमन खूंटे (25) ने मार्च में हत्या कर दी थी। छात्र का शव 4 दिन बाद गांव से करीब 3 किमी दूर जंगल में मिला था। छात्र 9वीं क्लास में पढ़ता था और उसके माता-पिता जम्मू में मजदूरी करते हैं। वह गांव में अपने दादा और छोटे भाई के साथ रहता था। 11 मार्च को वह घर से निकला और फिर लापता हो गया था।
बच्चों पर नजर रखें, ऑनलाइन गेम की अच्छाई-बुराई दोनों बताएं
- कोरोना के चलते खरीदी, पेमेंट के साथ पढ़ाई भी ऑनलाइन हो गई है। ऐसे में इससे बच्चे ज्यादा जुड़ रहे हैं।
- बच्चों को मोबाइल पर ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराने के साथ बच्चों को इसकी अच्छाई व बुराई दोनों बताएं।
- मोबाइल इस्तेमाल करते समय बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान रखना जरूरी है।
- ऑनलाइन रहने वाले बच्चों पर नजर रखने के साथ बैंक एकाउंट की जानकारी को उनसे दूर रखना चाहिए।
- बच्चे मोबाइल में क्या खेल रहे हैं इसकी पूरी जानकारी परिजनों को रखनी चाहिए।
- बच्चों को बताएं लापरवाही बरतने से वे साइबर क्राइम व ठगी के शिकार हो सकते हैं।
- बेहतर है बच्चों को अपने सामने ही ऑनलाइन सुविधा का इस्तेमाल करने दें।
फ्री फायर गेम ऐसे हो जाता है खर्चीला
ऑनलाइन गेम पबजी, कॉल ऑफ ड्यूटी आदि जैसे ही फ्री फायर गेम भी एक ऑनलाइन बैटल ग्राउंड गेम है। इसे ऑनलाइन सिंगल या ग्रुप में खेल सकते हैं। खेलने वाला एक सैनिक को दूसरे से लड़ाता है। अंत में जो बचता है वह विजेता होता है। गेम निशुल्क भी है लेकिन इसमें खिलाड़ी के सैनिक को कोई सुविधा नहीं मिलती। बच्चे पहले इसे फ्री खेलते हैं। लत लगने पर गेम को अपग्रेड करने सुविधा के रूप में बंदूक आदि हथियार खरीदने के लिए कहा जाता है। इसके लिए ऑनलाइन रुपए लिए जाते हैं।