• breaking
  • Chhattisgarh
  • कोंडागांव जिले में एक ही छत के नीचे 70 महिलाओं को रोजगार मिला बन रहीं आत्मनिर्भर

कोंडागांव जिले में एक ही छत के नीचे 70 महिलाओं को रोजगार मिला बन रहीं आत्मनिर्भर

4 years ago
134

कई तरह के काम कर उड़ान की महिलाओं ने कुछ ही माह में 1 लाख रुपये से ज्यादा की आय प्राप्त की है।

 

 

कोंडागांव 21 जून 2021/   महिलाओं की आजीविका सशक्त करने कोंडागांव जिले में कई सारे रोजगार मूलक काम चल ही रहे हैं, इनमें महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की एक अच्छी बानगी भी देखने को मिल रही है। यहां एक ही छत के नीचे 70 महिलाओं को रोजगार मिला है और ये अब आर्थिक मजबूती के लिए उड़ान भर रही हैं। महिलाएं अब तक 1 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी भी कमा चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने फिर की तारीफ

दरअसल महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कोंडागांव जिला प्रशासन ने आजीविका परिसर की स्थापना की थी। परिसर का नाम उड़ान महिला कृषक उत्पादक कंपनी रखा गया। इसका उद्घाटन जनवरी महीने में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। सीएम ने यहां काम कर रही महिलाओं से मुलाकात कर इस काम की सराहना भी की थी। यहां काम कर महिलाएं अच्छी खासी आमदनी भी प्राप्त कर रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से कोंडागांव जिले के इस उड़ान परिसर की एक बार फिर से तारीफ की है।

उड़ान की महिलाएं स्लीपर चप्पल बनाने का भी काम कर रही हैं। प्रशासन ने मशीन भी उपलब्ध करवाई है।

उड़ान की महिलाएं स्लीपर चप्पल बनाने का भी काम कर रही हैं। प्रशासन ने मशीन भी उपलब्ध करवाई है।

14 से ज्यादा काम कर रही महिलाएं

इस परिसर में एक ही छत के नीचे 14 से ज्यादा काम महिलाएं कर रही हैं। यहां के लिए प्रशासन ने मशीनें उपलब्ध कराई हैं। यहां काम कर महिलाओं को महीने में अच्छी आय भी प्राप्त हो रही है। अब तक महिलाएं 128000 रुपये से ज्यादा कमा चुकी हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि यहां के उत्पादों के लिए और भी बड़े बाजार तलाशे गए हैं। वन विभाग के संजीवनी केंद्रों, छत्तीसगढ़ हर्बल व राज्य स्तर पर स्थित विभिन्न विपणन कंपनियों से संपर्क स्थापित कर उत्पादों का अधिक से अधिक मात्रा में विक्रय किया जाएगा।

ये काम हो रहे

आजीविका परिसर में मसाला हल्दी, धनिया, मिर्च प्रसंस्करण, कोदो, कुटकी, रागी जैसे स्थानीय उत्पादों से कुकीज, तिखुर प्रसंस्करण, कोकोनट ऑयल, स्लीपर ईकाई, नॉन वूलन बैग, दोना पत्तल, अगरबत्ती व धूपबत्ती निर्माण, मुर्गी दाना, सीमेंट फ्लाईएश ईंट, कील निर्माण, अंडा उत्पादन ईकाई जैसे कई सारे काम किए जा रहे हैं। इन सभी कामों को करने से पहले महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी गई थी।

इस परिसर में कुकीज, कोकोनट ऑयल, हल्दी, धनिया, मिर्च प्रसंस्करण का काम भी हो रहा है।

 

इस परिसर में कुकीज, कोकोनट ऑयल, हल्दी, धनिया, मिर्च प्रसंस्करण का काम भी हो रहा है।

महिलाएं बोलीं अब नहीं है चिंता, जीने की राह हुई आसान

यहां काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि काम नहीं होने पर घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। यहां काम मिला है। 6 महीने से लगातार काम कर रहे हैं। महीने में 4000-5000 रुपये कमा रही हैं। अब परिवार का पालन पोषण करने में आसानी हो रही है। अब तक हल्दी, धनिया पाउडर बेचकर 25420 रुपये, कुकीज बेचकर 23199 रुपये, तिखुर से 22800 रुपये , कोकोनट ऑयल बेचकर 20700 रुपये, स्लीपर चप्पल बेचकर 16000 रुपये , दोना पत्तल बेचकर 13192 रुपये, अगरबत्ती , धूपबत्ती बेचकर 6946 रुपए महिलाएं कमा चुकी हैं।

गोठानों की महिलाएं भी जुड़ीं

कोंडागांव जिले में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरवा व बाड़ी योजना के तहत 117 गोठान हैं। जिसमें कुल 98 स्व सहायता समूह के 1044 सदस्य आर्थिक गतिविधि कर उत्पाद तैयार किया जा रहा है। यहां मक्का, ईमली उत्पाद, वर्मी कम्पोस्ट, सब्जी, हल्दी, अदरक सहित अन्य उत्पाद निर्मित हो रहे। जिसे उड़ान कृषक उत्पादक कंपनी द्वारा बाजार मुहैया कराकर उत्पादों का विक्रय किया जाएगा। ऐसे में उड़ान की 70 महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से 4000-5000 रुपये जबकि गोठानों की 200 महिलाओं को अप्रत्यक्ष रूप से 2500-3000 रुपये मासिक लाभ होगा। कई तरह के काम कर उड़ान की महिलाओं ने कुछ ही माह में 1 लाख रुपये से ज्यादा की आय प्राप्त की है।

कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने बताया कि जिले के ग्रामीण युवा, युवतियों को रोजगार से जोड़कर उनकी आर्थिक स्थिति सुधारने जिले में काम किए जा रहे हैं। आजीविका परिसर में महिलाओं को कई तरह के रोजगार मूलक कामों से जोड़ा गया है। यहां महिलाएं काम कर अपनी आजीविका सशक्त कर रही हैं। आने वाले समय में इसका अच्छा फायदा मिलेगा।

Social Share

Advertisement