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रायपुर में पहली बार HIPEC तकनीक से ओवरी के कैंसर की सर्जरी, क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के डॉक्टरों ने किया यह कारनामा

4 years ago
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Minimally Invasive Surgery proved in effective treatment of cancer jagran  special

 

 

 

 

 

 

 

रायपुर 11 जून 2021/    छत्तीसगढ़ में आधुनिक और जटिल चिकित्सा प्रणालियों में बड़े प्रयोग शुरू हाे गए हैं। रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल स्थित क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के डॉक्टरों ने आज ओवेरियन कैंसर से जूझ रही एक 45 वर्षीय महिला का उपचार HIPEC ( Hyperthermic intraperitoneal chemotherapy) तकनीक से किया। बताया जा रहा है, यहां पहली बार इस तकनीक से सर्जरी हुई है।

क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता ने बताया, रायपुर की 45 वर्षीय महिला ओवेरियन कैंसर की बीमारी का इलाज कराने कैंसर विभाग में पहुंची थीं। यहां पर कैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. विवेक चौधरी ने महिला की बीमारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर पाया कि यह कैंसर काफी एडवांस स्टेज में है। ट्यूमर बोर्ड की मीटिंग में महिला के उपचार के संबंध में दिशा-निर्देश तय किए गए। सभी विकल्पों पर विचार करने के बाद महिला के एडवांस स्टेज के ओवेरियन कैंसर से प्रभावित हिस्सों को नष्ट करने के लिये HIPEC पद्धति से उपचार करने का निर्णय लिया। इसके बाद सर्जरी कर पेट के अंदर के कैंसरग्रस्त गांठों को नष्ट किया गया। शेष कैंसर कोशिकाओं को दवाओं के जरिए नष्ट करने के लिए पेट के माध्यम से सीधे कीमोथेरेपी दी गई। क्षेत्रीय कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. विवेक चौधरी के नेतृत्व में हुई इस सर्जरी में कैंसर सर्जन डॉ. आशुतोष गुप्ता, डॉ. भारत भूषण, डॉ. शांतनु तिवारी, डॉ. क्षितिज वर्मा, डॉ. मनीष साहू और एनेस्थेटिस्ट डॉ. सोनाली साहू की मुख्य भूमिका रही।

दिल्ली-मुंबई में यह सर्जरी 8 से 10 लाख की

विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली-मुंबई जैसी मेट्रो सिटीज में इस प्रकार की तकनीक से कैंसर का उपचार प्राप्त करने के लिए आठ से दस लाख रुपए का खर्च आता है। रायपुर के क्षेत्रीय कैंसर संस्थान में यह सर्जरी निः शुल्क हुई है।

क्या है यह HIPEC तकनीक

हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (HIPEC) कैंसर उपचार की एक पद्धति है जिसमें पेट (एब्डॉमिनल कैविटी) के माध्यम से सर्जरी के तुरंत बाद कीमोथेरेपी दवाएं दी जाती हैं। इन दवाओं को एक निश्चित तापमान पर गर्म किया जाता है। पेट के ट्यूमर और प्रभावित अन्य हिस्सों को सर्जरी के जरिए हटाने के बाद HIPEC तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान रोगी के शरीर का तापमान सुरक्षित रखा जाता है।

यह है HIPEC तकनीक का फायदा

डॉक्टरों ने बताया, इस तकनीक का फायदा यह है कि कीमोथेरेपी की दवा पेट के सभी हिस्सों तक पहुंच जाती है और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती है जिससे भविष्य में कैंसर की पुनरावृत्ति का जोखिम कम हो जाता है। यह कई हफ्तों में किये जाने वाले लम्बे उपचार के बजाय ऑपरेटिंग रूम में किया जाने वाला एक ही उपचार है। नब्बे प्रतिशत दवा पेट के अंदर रहती है जो शरीर के बाकी हिस्सों पर दवा के विषाक्त प्रभाव को कम करती है।

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