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कांकेर में गजदल का आतंक, गांव में घुसकर, मकान, फसल सब तबाह कर दिया

4 years ago
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जब गजदल पहुंचा सड़क पर, मची अफरा-तफरी, घंटों रहा सड़क जाम, इलाके में बड़ी संख्या में हाथी मौजूद, ग्रामीणों में दहशत का माहौल......

 

 

 

 

कांकेर 08 जून 2021/    छत्तीसगढ़ में एक बार फिर गजदल का आतंक देखने को मिला है। इस बार प्रदेश के कांकेर जिले में 22 हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया है। जिसका वीडियो भी अब सामने आ गया है। यहां रविवार रात को हाथियों का दल भानबेड़ा के आमापारा गांव में घुस आया था। जिसके बाद ग्रामीणों में दहश्त फैल गई, और बचने के लिए इधर उधर भागने लगे। लेकिन गजदल का आतंक नहीं रुका, हाथियों ने गांव के घरों और बाड़ी को तबाह कर दिया है। इसके बाद ये दल जैसे ही चिचगांव के गोडोपारा पहुंचा तो लोग डर के मारे घर छोड़कर सरकारी भवनों की छत और पानी की टंकी में चढ़ गए। इतना ही नहीं लोग डर के मारे पूरी रात जागते रहे, कुछ लोग रात भर भूखे भी रहे, आखिरकार गजदल सुबह गांव छोड़ पास के ही पहाड़ी में चल गए।

इधर, वन विभाग भी रात को ही मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाइश देती रही और हाथियों को भगाने में लगी रही। लेकिन ग्रामीणों में अब भी डर बना हुआ है कि हाथियों का झुंड फिर वापस लौट सकता है। क्योंकि ग्रामीणों का दल अब भी इन्हीं गांव के आस पास मंडरा रहा है।

चिचगांव के गोडोपारा गांव में ग्रामीम डर के मारे पानी के टंकी में चढ़ गए।

 

चिचगांव के गोडोपारा गांव में ग्रामीम डर के मारे पानी के टंकी में चढ़ गए।

 

ग्रामीणों ने बस्ती के चारों ओर आग लगा दी

दरअसल, हवरकोंदल में दो दिन उत्पात मचाने के बाद हाथी दल रविवार शाम 7 बजे ग्राम पंचायत भानबेड़ा के आश्रित गांव आमापारा पहुंचा था। हाथियों के बस्ती के करीब आने से लोगों में हड़कंप मच गया। ग्रामीण सुरक्षा के तरीके तलाशने लगे। वन विभाग का अमला भी समय पर पहुंचा गया था। सभी ग्रामीण गांव में एक जगह जमा हो गए और गांव के चारों ओर आग लगा दी ताकि हाथी गांव के अंदर नहीं आएं। लेकिन हाथी दल नहीं रुका और गांव पहुंच घरों और बाड़ी को नुकसान पहुंचाया। यहां हाथी तीन घंटे तक रहे। रात 11 बजे चिचगांव के गोडोपारा की ओर आगे बढ़ने लगे। हाथियों के डर से ग्रामीणों ने गांव के चारों ओर आग लगा दी। जिससे हाथी गांव के अंदर नहीं पहंचे।

हाथियों के डर से ग्रामीणों ने गांव के चारों ओर आग लगा दी। जिससे हाथी गांव के अंदर नहीं पहंचे।

केल फसल, तार,मकान और बोर पंप भी तोड़ डाला

हाथियों ने आमापारा गांव ग्रामीणों का कच्चा मकान, बाड़ी में लगी केला फसल,सब्जियां, सदेसिंग कोमरा के बाड़ी का 100 मीटर फेंसिंग तार और खंबा भी तोड़ दिया। सदेसिंग के घर में लगे केला और आम के पेड़ को भी रौंद दिया। इसके अलाव चिचंगाव में बलिराम के मकान को भी तबाह कर दिया और बोर पंप भी तोड़ डाला। वहीं कई ग्रामीणों के फसलों को भी चौपट कर दिया। हाथियों ने गांव के कई घर को भी तबाह कर दिया है।

हाथियों ने गांव के कई घर को भी तबाह कर दिया है।

महुआ की गंध पाकर दोबारा आ सकते हैं हाथी

गोडोपारा के भी एक ग्रामीण के मकान के पास हाथियों का झुंड पहुंच गया था। जिसके डर से घर वाले घर के छत पर चढ़ गए। पता चला है कि मकान से आ रही महुआ गंध पाकर हाथियों का दल घर के अंदर घुसने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मकान पक्का होने के कारण वो घर को नहीं तोड़ सके। दूसरी ओर से हल्ला होने लगा तो हाथी वहां से जाने लगे। वन विभाग के अनुसार गोडोपारा में कई घरों में शराब बनाने महुआ ड्रम में भीगा कर रखा गया था। इसी के चलते हाथी वहां पहुंचे। उजाला होने पर वे चले गए लेकिन महुआ की गंध पाकर दोबारा बस्ती में आने का डर बना हुआ है।

गांव में लगे केले की फसल को भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया है।

 

गांव में लगे केले की फसल को भी हाथियों ने बर्बाद कर दिया है।

आग जला रतजगा करने की सलाह

वन विभाग ने शराब बनाने भीगा कर रखे सभी महुआ को फेंकवा दिया। वहीं ग्रामीणों को सचेत रहते आग जला रतजगा करने की सलाह भी दी है। जो बुजुर्ग छत में नहीं चढ़ सकते उन्हें अपने इर्द गिर्द आग लगाने कहा गया है। चिचगांव सरपंच प्रमिला दुग्गा ने कहा लोगों को सुरक्षित रखने कोशिश की जा रही है।

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