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रायपुर AIIMS  के कर्मचारियों पर कोविड संक्रमित महिला के शव से जेवर चुराने का आरोप

4 years ago
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200 To 250 Calls Daily In AIIMS Raipur Telemedicine - एम्स रायपुर के टेलीमेडिसिन में रोज 200 से 250 कॉल, आप भी ले सकते हैं परामर्श | Patrika News

 

 

 

 

 

रायपुर 07 जून 2021/    रायपुर के आमानाका थाने में एक केस दर्ज किया गया है। एक बेटे ने पुलिस से शिकायत की है कि उसकी संक्रमित मां की मौत के बाद रायपुर एम्स के कर्मचारियों ने लाश से जेवर चुरा लिए। अब युवक की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज की है। इस मामले की छानबीन के तहत अब एम्स प्रबंधन से भी पुलिस जवाब मांगेगी। युवक ने दावा किया है कि करीब 1 महीने से उसे एम्स के अफसर अपने दफ्तरों के चक्कर लगवा रहे हैं मगर सही जानकारी या जेवर तलाशने में कोई खास सहयोग नहीं कर रहे, इसलिए तंग आकर उसने पुलिस को सारी बात बताई है।

लाश तक को लूटने से नहीं बख्शा
हुसैन नाम के युवक ने बताया कि वो अपने पिता के साथ नलघर चौक के पास रहता है। 10 अप्रैल को इसकी मां तसनीम शाहीद कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से एम्स में एडमिट किया गया। युवक की मां की तबीयत में गिरावट होती गई और 19 अप्रैल को इनकी मौत हो गई। युवक के मुताबिक जब उसकी मां को अस्पताल में एडमिट किया गया तो उनके दोनों हाथ में सोने के कड़े और कानों में सोने की बालियां थीं। यही जेवर अब तक युवक को नहीं लौटाए गए।

हुसैन की शिकायत के मुताबिक इसके बाद एम्स हॉस्पिटल के अधीक्षक के दफ्तर में उसने 24 अप्रैल को लिखित शिकायत दी। इसके बाद भी न तो कोई कार्रवाई की गई न ही जेवर के बारे में युवक को कोई जानकारी दी। हुसैन ने फिर 10 मई को दोबारा अपनी शिकायत एम्स प्रबंधन को दी। अब अफसर जेवर के मामले में टाल-मटोल कर रहे हैं। परिवार को शक है कि एम्स के कर्मचारियों ने मिली भगत कर संक्रमित महिला की मौत के बाद सोने के कीमती जेवरों का गबन कर लिया है। इसलिए अब ये पुलिस की मदद से इस केस में जांच और कार्रवाई चाहते हैं।

AIIMS प्रबंधन बोला- कीमती चीजें ले जाने की अनुमति ही नहीं

रायपुर AIIMS प्रबंधन की तरफ से इस मामले में शिव शर्मा ने बताया कि कोविड वार्ड में मरीज को किसी भी कीमती चीज को ले जाने की अनुमति ही नहीं है। जो भी पेशेंट आते हैं उन्हें हम सिर्फ कपडे, साबुन और मोबाइल फोन ही अंदर लेकर जाने की अनुमति देते हैं। मरीज वहां इलाज करवाने जा रहा है वहां जेवरों का क्या काम। इसलिए चोरी या जेवर रखने के आरोप सही नहीं है। मरीज को एडमिट किए जाने से पहले ही कीमती चीजें उनके परिजनों को दे दी जाती हैं।

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