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बेंगलुरु में 9 साल के बच्चे के अपहरण और हत्या के मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया
रायपुर 06 जून 2021/ बेंगलुरु में 9 साल के बच्चे के अपहरण और हत्या के मामले में रायपुर और बेंगलुरु पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल शुक्रवार को बेंगलुरु के हेब्बागोडी थाना इलाके में एक कारोबारी के 9 साल के बच्चे को किडनैप कर लिया गया था। इस केस में रायपुर के मोतीनगर इलाके से रिजवान, सिराज और नौशाद नाम के युवकों को पकड़ा गया है। ये अपहरणकर्ताओं के सहयोगी थे।
क्रिकेट खेलने गया था बच्चा
आसिफ नाम के जिस बच्चे का अपहरण किया गया था। उसके पिता हेब्बागोडी इलाके के कांट्रेक्टर हैं। बताया जा रहा है कि 3 जून को आसिफ क्रिकेट खेलने गया था। उसी दौरान उसका अपहरण कर लिया गया। इस घटना को कुछ बच्चों ने देखा था और उन्होंने उसी समय परिजनों को बताया था, लेकिन तब तक अपहरणकर्ता दूर निकल चुके थे। स्थानीय स्तर पर नाकाबंदी भी की गई थी, पर कोई सफलता नहीं मिली।
बच्चे की हत्या हो गई
इधर, पुलिस की कार्रवाई हुई तो ये खबर भी आई कि किडनैपर्स ने शर्त रखी थी कि अगर परिजन पुलिस के पास गए तो वह बच्चे की हत्या कर सकते हैं। बच्चे के मां बाप की पुलिस से शिकायत करने की जानकारी किडनैपर्स को लग गई और उन्होंने उसे मार दिया। बच्चे का शव पुलिस को मिल गया है।
ऐसे जुड़े रायपुर से तार
रिजवान, सिराज और नौशाद रायपुर के मठपुरैना, मोती नगर इलाके में रहते हैं। यह तीनों फेरी लगाकर सामान बेचने का काम करते हैं। इनका लिंक बेंगलुरु के अपहरण गैंग से भी था। मूलत: बिहार के रहने वाले ये तीनों बदमाश दरअसल इस पूरे अपहरण कांड की टीम बी की तरह काम कर रहे थे। इन्होंने ही रायपुर से बच्चे के मां-बाप को 25 लाख रुपए की फिरौती के लिए फोन किया था।
फोन लोकेशंस की जानकारी हासिल होते ही बेंगलुरु पुलिस की टीम शनिवार को रायपुर आई थी और एसएसपी अजय यादव से मुलाकात कर सहयोग मांगा। इसके बाद रायपुर पुलिस की खुफिया टीम ने इन युवकों को हिरासत में लिया है अब उन्हें कोर्ट में पेश कर बेंगलुरु ले जाने की तैयारी की जा रही है।
मुख्य आरोपी पुणे का रहने वाला है
रायपुर से गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ करने पर पता चला कि मुख्य आरोपी पुणे का रहने वाला है। वह नौशाद की खाला (बुआ) का लड़का है। पुलिस को उसके एड्रेस के बारे में भी जानकारी मिल गई है। पुलिस अब यह भी छानबीन कर रही है कि क्या यहां से गिरफ्तार किए गए युवक किसी और अपहरण, हत्या जैसी वारदात में शामिल रहे हैं।
अपहरण के बाद अमूमन दूसरे प्रदेश से आता है फोन
इस मामले की जांच कर रहे साइबर सेल के अधिकारी कहते हैं कि बड़े गैंग के ऑपरेट करने का तरीका एक सा रहता है। अमूमन देखा गया है कि अपहरण के बाद फिरौती के लिए फोन दूसरे प्रदेश से ही आते हैं। रायपुर के एक बड़े कारोबारी का जब करीब दो साल पहले अपहरण हुआ था तो दूसरे प्रदेशों से ही फिरौती के लिए फोन आए थे। ऐसा पुलिस को गुमराह करने के लिए किया जाता है।