• breaking
  • Chhattisgarh
  • छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – कोरोना से बचे लोगों को महंगाई मार डालेगी, जेब पर डाका डाल रहे हैं प्रधानमंत्री

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – कोरोना से बचे लोगों को महंगाई मार डालेगी, जेब पर डाका डाल रहे हैं प्रधानमंत्री

4 years ago
135

 

 

 

 

 

रायपुर 03 जून 2021/    देश में उत्पादों की बढ़ती कीमतों को लेकर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बोला है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने आज कहा, मोदी सरकार के 7 वर्षों में वस्तुओं की कीमत दोगुना हो गई है। प्रधानमंत्री जनता की जेब पर डाका डाल रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो कोरोना से बच गए लोगों को यह महंगाई मार डालेगी।

कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में संवाददाताओं से चर्चा में मोहन मरकाम ने कहा, पिछले डेढ़ साल से जनता कोरोना महामारी की मार झेल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अदूरदर्शी और जनविरोधी नीतियों ने कोरोना की बीमारी के समय में जीवन को और कठिन बना दिया है। वह अचानक किया हुआ लॉकडाउन हो, अस्पतालों से लेकर ऑक्सीजन तक का इंतजाम हो या फिर वैक्सीन नीति, हर जगह नरेंद्र मोदी सरकार विफल दिखाई देती है। मरकाम ने कहा, केंद्र सरकार की विफलता से लाखों लोगों की जान चली गई। उद्योग और कारोबार ठप्प होने से रोजगार का संकट पैदा हो गया। ऐसे समय में केंद्र सरकार महंगाई बढ़ाने में लगी हुई है। पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के दाम हों या गैस सिलेंडर के, खाने के तेल की कीमतें हों या फिर साधारण बीमारियों में काम में आने वाली दवाओं की, हर चीज लगातार महंगी होती जा रही है। मरकाम ने कहा, हमें लगता है कि कोरोना महामारी से किसी तरह बच गए लोग अब महंगाई नाम की महामारी की चपेट में आने वाले हैं। एक राष्ट्रीय आपदा के बाद एक और राष्ट्रीय आपदा देश में आ गई है और इसके लिए जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।

खाद्य तेल की महंगाई, अडानी और मोदी

मोहन मरकाम ने खाद्य तेलों की महंगाई के बहाने औद्योगिक घराने अडानी समूह और इस बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की कोशिश की। मरकाम ने कहा, एक तरफ खाद्य पदार्थो के दाम बढ़े, दूसरी ओर किसानों की आमदनी घटी। मतलब खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने का फायदा किसानों को नहीं बल्कि बिचौलियों को मिला है। खाद्य तेल के दाम पिछले दो वर्ष में ही दोगुने बढ़ गए हैं। देश में खाद्य तेल के सबसे बड़े निर्माता मोदी के प्रिय गौतम अडानी है। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस महंगाई का सबसे अधिक फायदा किसे मिल रहा है।

पेट्रोलियम पर केंद्र सरकार को घेरा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, अप्रैल 2014 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 103 डॉलर प्रति बैरल थी। तब मनमोहन सिंह जी देश के प्रधानमंत्री थे और उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दाम को बढ़ने नहीं दिया। उस समय पेट्रोल की कीमत 72 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल की कीमत 55 रुपए प्रति लीटर थी। आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमत 69.15 डॉलर प्रति बैरल है। जबकि रायपुर में पेट्रोल की कीमतें 92.76 रुपए प्रति लीटर एवं डीजल की कीमत 92.38 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गई है। देश के कुछ शहरों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपए से भी ज्यादा हो गई है। पिछले मई महीने में ही पेट्रोल-डीजल के दाम 16 बार बढ़ाए गए हैं।

एक्साइज ड्यूटी से डाका डाल रही है केंद्र सरकार

मोहन मरकाम ने आरोप लगाया केंद्र सरकार पेट्रोलियम पर एक्साइज ड्यूटी के जरिए जनता की जेब पर डाका डाल रही है। उन्होंने कहा, क्रूड आयल की कीमतों में 36 प्रतिशत की कमी आई है उसके बाद भी पेट्रोल के दाम में 31 प्रतिशत की और डीजल के दामों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हो गई। 2014 में जब केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में आई थी तब पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपए प्रति लीटर थी। अभी यह ड्यूटी 32.90 रुपए प्रति लीटर है। 2014 में डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3.56 रुपए प्रति लीटर थी जो वर्तमान में 31.80 रुपए प्रति लीटर है।

अब ध्यान भटकाने के लिए शिगुफा छोड़ रही है भाजपा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, महंगाई से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भाजपा नए-नए शिगुफे छोड़ रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम की वजह से पेट्रोल, डीजल की कीमत बढ़ने पर साइकिल पर सवार होकर सड़क पर उतरने वाले रमन सिंह इस समय फर्जी दस्तावेज दिखाकर लोगों को बताने की कोशिश कर रहे हैं कि कोई षडयंत्र हो रहा है। मरकाम ने कहा, दरअसल महंगाई नरेंद्र मोदी सरकार का असली षडयंत्र है और यह अपने प्रिय कारोबारियों और उद्योगपतियों की जेबें भरने का तरीका है। मरकाम ने कहा, हम मांग करते हैं कि रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल जैसे नेता महंगाई पर अपना रुख स्पष्ट करें और जनता से माफी मांगें।

Social Share

Advertisement