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CM ने सिलगेर गोलीकांड घटना की जांच के लिए बस्तर के आदिवासी विधायकों की समिति बनाई, ग्रामीणों से चर्चा कर तथ्य जुटाने का जिम्मा
रायपुर 01 जून 2021/ नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के सिलगेर गांव में फायरिंग के 15 दिन बाद सरकार डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटती दिख रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बस्तर के कांग्रेस विधायकाें की एक समिति गठित कर तथ्य जुटाने का जिम्मा सौंपा है। इसकी अध्यक्षता बस्तर सांसद दीपक बैज के पास होगी।
मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से बताया गया, सुकमा-बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में गोलीबारी की घटना के जांच के लिए यह समिति जल्दी ही घटना स्थल पर पहुंचेगी। इसके साथ स्थानीय प्रशासन की टीम भी होगी। यह समिति स्थानीय ग्रामीणों से उनका पक्ष सुनेगी। चर्चा करके तथ्य जुटाएगी।
समिति में ये शामिल
बस्तर सांसद दीपक बैज की अध्यक्षता में गठित इस समिति में बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल, केशकाल विधायक संतराम नेताम, दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा, कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी, अंतागढ़ विधायक अनूप नाग, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम और नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप को शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि गोलीबारी की इस घटना को लेकर आदिवासी समाज आक्रोशित है। बस्तर के जनप्रतिनिधियों पर इसे लेकर काफी सामाजिक दबाव था। बस्तर के कई जनप्रतिनिधियों और कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री ने सिलगेर गोलीकांड की जांच कराने की मांग रखी थी। उसके बाद यह कदम उठाया गया है। सुकमा कलेक्टर ने पहले ही वहां दंडाधिकारी जांच की घोषणा की हुई है। ग्रामीण इससे संतुष्ट नहीं हैं। वे न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।
क्या हुआ था सिलगेर में
नक्सलियों के खिलाफ अभियान में जुटे सुरक्षा बल सिलगेर गांव में एक कैम्प बना रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण इस कैम्प का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि सुरक्षा बलों ने कैम्प के नाम पर उनके खेतों पर जबरन कब्जा कर लिया है। ऐसे ही एक प्रदर्शन के दौरान 17 मई को सुरक्षा बलों ने गोली चला दी। इसमें तीन ग्रामीणों की मौत हो गई। भगदड़ में घायल एक गर्भवती महिला की कुछ दिन बाद मौत हुई है। पुलिस का कहना था, ग्रामीणों की आंड़ में नक्सलियों ने कैम्प पर हमला किया था। जिसकी वजह से यह घटना हुई। वहां विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है।
कई संगठनों का मिल रहा है साथ
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रदर्शन स्थल पर ही गोलीबारी में मरे किसानों का अंतिम संस्कार किया है। वहीं पर उनका स्मारक भी बना दिया है। प्रदर्शन जारी है। इस बीच सर्व आदिवासी समाज सहित कई जनजातीय और सामाजिक संगठन प्रदर्शनकारियों के समर्थन में उतर आए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया और उनके अर्थशास्त्री पति ज्यां द्रेज भी पिछले दिनों वहां पहुंचे थे। उन्हें पुलिस ने पहले जाने से रोक दिया। विवाद बढ़ता देख उन्हें जाने की अनुमति मिल गई। संयुक्त किसान मोर्चा के योगेंद्र यादव ने प्रदर्शनकारी आदिवासियों के साथ एकजुटता दिखाई थी। उन्होंने सिलगेर में बिना रोकटोक आवाजाही की मांग भी की थी।
विपक्ष भी हमलावर है
इस मामले में अब विपक्ष भी हमलावर है। भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने इसके लिए जांच समितियां बनाई हैं। भाजपा का जांच दल अभी तक सिलगेर नहीं पहुंच पाया है। वहीं पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने पिछले दिनों वहां पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की थी। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है।