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अमलीडीह की शासकीय भूमि के आबंटन पर उठे सवाल, राजस्व मंत्री ने कहा – आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई थी और कैबिनेट का फैसला आ गया

4 weeks ago
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रायपुर।  राजधानी रायपुर में शासकीय जमीन के आवंटन का मुद्दा प्रश्नकाल में उठा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने अमलीडीह की शासकीय भूमि के आबंटन पर सवाल उठाये। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने पूछा- जमीन आबंटन निरस्त होने के कारण क्या है?

जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- मंत्रिमंडल में नियम में बदलाव की वजह से आबंटन निरस्त कर दिया गया था। जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई थी, बल्कि प्रक्रियाधीन थी, इस दौरान कैबिनेट का फैसला आ गया, जिसके बाद जमीन का आवंटन नहीं किया गया।

धरमलाल कौशिक ने सप्लीमेंट्री सवाल में जानना चाहा कि  56 करोड़ रुपए पटाया जाना था लेकिन सिर्फ 9 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई थी। अधिकारियों ने जो इस तरह से काम किया था उनके ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की जाएगी?  धरमलाल कौशिक ने कहा कि भूमि का आबंटन रामा बिल्डकॉन को किया गया था।  यह जवाब दिया गया है. भूमि रिकॉर्ड में किसके नाम पर है?

जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि भूमि का आबंटन की प्रक्रिया चल रही थी। संबंधित पक्ष ने राशि नहीं पटाई गई थी। शासन ने आबंटन निरस्त कर दिया था। राजस्व मंत्री ने कहा- आबंटन कलेक्टर के द्वारा किया जाता है, जब राशि पटाई जाती है. राशि जमा करने के पूर्व ही आबंटन रद्द कर दिया गया था। रिकॉर्ड में भूमि शासन के नाम पर ही दर्ज है. कलेक्टर द्वारा डिमांड लेटर दिया ही नहीं गया था।

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा- आबंटन की प्रक्रिया ग़लत थी. इस पर क्या कार्रवाई की जाएगी? सरकार की जमीन की अफ़रातफ़री करेंगे? 56 करोड़ की जमीन को 9 करोड़ रुपए में कर देंगे?

राजस्व मंत्री ने कहा- आबंटन किया ही नहीं गया.

भाजपा विधायक ने कहा- सरकारी जमीन की बंदरबाँट की गई है। यह सिर्फ़ एक प्रकरण नहीं है। मंत्री सदन में असत्य कथन कर रहे हैं.

मंत्री ने कहा- निरस्त कर दिया गया है।

धरमलाल कौशिक ने बताया कि अगर जमीन का आवंटन रद्द कर दिया गया। इसके बाद जमीन का स्ट्रक्चर को ढाहना पड़ेगा। क्या शासन ये कार्रवाई करेगा।

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